नई दिल्ली: दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस के संक्रमण ने जिस तरह से पैर पसारा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से पूरे देश को संभाला है उसे लेकर दुनियाभर में उनकी तारीफ हो रही है. उधर वहीं दूसरी तरफ माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनकी सराहना की है.
बिल गेट्स ने पीएम मोदी को लिखा है, ‘मुझे खुशी है कि आपकी सरकार कोविड-19 से निपटने में अपनी असाधारण डिजिटल क्षमताओं का उपयोग कर रही है.’ दुनिया के सबसे बड़े दानदाता ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि हम आपके नेतृत्व और आपकी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की सराहना करते हैं, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार देश में बहुत धीमी है और इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं.
गेट्स ने पीएम को खत में यह भी लिखा है कि आपकी सरकार द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन को अपनाना, क्वारेंटाइन करना, आइसोलेशन के साथ साथ जिन जगहों पर कोविड-19 के लिए हॉटस्पॉट की पहचान किए जाने से लेकर सरकार द्वारा धीरे-धीरे परीक्षण बढ़ाए जाने को लेकर उठाए गए कदम तारीफ के काबिल हैं.
उन्होंने स्वास्थ्य प्रणाली की प्रतिक्रिया को मजबूत करने जैसे कदम उठाने को भी सराहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य व्यय में वृद्धि कर स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना, शोध एवं विकास (आर एंड डी) और डिजिटल को बढ़ावा देना भी तारीफ के काबिल है.
गेट्स ने पीएम को लिखा कि मुझे खुशी है कि आपकी सरकार कोविड-19 से निपटने में अपनी असाधारण डिजिटल क्षमताओं का पूरी तरह से उपयोग कर रही है। उन्होंने लिखा कि आपकी सरकार द्वारा कोरोनावायरस ट्रैकिंग, संपर्क का पता लगाने और लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने के लिए ‘आरोग्य सेतु’ डिजिटल एप लॉन्च करना एक नया एवं सराहनीय प्रयोग है.
बता दें कि इससे पहले बिल गेट्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठ के फंड पर लगाई गई रोक की भी आलोचना की थी और उन्होंने कहा था कि यह वक्त सहयोग देने का है. वहीं दूसरी तरफ कोरोनावायरस का टीका तैयार करने और अन्य उपायों के लिए भी बिल गेट्स की संस्था और मिलिंडा गेट्स फाइंडेशन ने 15 करोड़ डॉलर का योगदान दिए जाने की घोषणा की थी.
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने अब तक कोरोना से जंग के लिए 25 करोड़ डॉलर (1900 करोड़ रुपये) का योगदान दिया गया है. गेट्स फाउंडेशन की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार, इस अतिरिक्त राशि का उपयोग डायग्नोस्टिक, चिकित्सीय और टीके का विकास करने में किया जाएगा. साथ ही इस फंड का उपयोग संक्रमण से जूझ रहे अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देशों की भी मदद की जाएगी.