नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) और निगरानी समिति ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि 126 साल पुराने मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा की ‘नये सिरे से समीक्षा’ अभी की जानी है।
शीर्ष अदालत बांध से जुड़े विषयों पर दायर याचिकाओं पर विचार कर रही है। केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी पर 1895 में यह बांध बनाया गया था।
केन्द्रीय जल आयोग और निगरानी समिति ने शीर्ष अदालत में दाखिल स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि बांध की सुरक्षा से संबंधित पहलुओं पर एक अधिकार-प्राप्त समिति ने 2010 से 2012 तक अध्ययन किया था। इस समिति का गठन शीर्ष अदालत के निर्देशों पर 2010 में किया गया था।
इसमें कहा गया है कि शीर्ष राष्ट्रीय संस्थानों एवं विशेषज्ञ एजेंसियों द्वारा की गयी जांच, परीक्षणों और अध्ययन के आधार पर अधिकार-प्राप्त समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि मुल्लापेरियार बांध जलीय, संरचनात्मक और भूकंपीय आदि सभी पहलुओं के लिहाज से सुरक्षित पाया गया।
रिपोर्ट में कहा गया कि अधिकार-प्राप्त समिति द्वारा कराये गये अध्ययन के साथ ही निगरानी समिति ने भी परियोजना स्थल पर हुई वार्षिक बैठकों के दौरान मुल्लापेरियार बांध का मुआयना किया था।
इसके अनुसार आज तक निगरानी समिति की 14 बैठकें हुई हैं और पिछली बैठक 19 फरवरी, 2021 को हुई थी।
स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘हालांकि मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा की नये सिरे से समीक्षा लंबित है और की जानी है।’’
भाषा वैभव अनूप
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