नई दिल्ली: सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को ‘छद्म हिंदुत्ववादी धोखा’ करार देते हुए उसके बहिष्कार का आह्वान करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.
2019 में अंतरिम सीबीआई प्रमुख के तौर पर काम कर चुके राव ने मंगलवार को सिलसिलेवार किए गए ट्वीट्स में सभी हिंदुओं को ‘आरएसएस मुक्त भारत’ बनाने की दिशा में काम करने को कहा.
राव ने कहा, ‘आरएसएस इस्लाम का साहस बढ़ा रहा है और हिंदुओं और हिंदू धर्म को विनाश के सुनहरे रास्ते पर ले जा रहा है.’ साथ ही जोड़ा कि इस्लाम ‘जीतता’ है क्योंकि वह ‘जिद्दी मानसिकता’ का पोषण करता है.
उन्होंने कहा, ‘और ज्यादा हिंसा फैलाने के लिए उकसावा इस्लाम की नजर में अब (आरएसएस की) कमजोरी का संकेत है, जिससे उसे अपना काम आसान होता लग रहा है.’
"The RSS is the biggest collection of duffers that have ever come together in world history."-Sitaram Goel
The RSS leadership is taking Hindus &Hinduism on golden path of destruction.
High time for all Hindus to bycot #PseudoHindutva fraud called RSS & work for #RSS_Mukt_Bharat https://t.co/G1Q8l3eBZb
— M. Nageswara Rao IPS(R) (@MNageswarRaoIPS) September 7, 2021
Fear is only in mind, courage is only in mind. By choosing fear, the RSS is giving courage to Is1am, taking Hindus and Hinduism on the golden path of destruction.#RSS_Mukt_Bharat
— M. Nageswara Rao IPS(R) (@MNageswarRaoIPS) September 8, 2021
ट्विटर पर राव के बायो में यह भी लिखा गया है कि ‘हिंदुओं के लिए समान अधिकार और छद्म हिंदुत्व का पर्दाफाश’ उनका मिशन है.
पूर्व पुलिस अधिकारी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की तरफ से सोमवार को मुंबई में दिए गए भाषण के जवाब में यह टिप्पणी की है.
भागवत ने एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा था कि अंग्रेजों ने फूट डालकर हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ाया.
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विवादों से नाता नया नहीं
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब राव ने ऐसा कुछ किया है. सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी पिछले कुछ वर्षों में कई बार विवादों में रह चुके हैं.
सितंबर 2020 में राव ने प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश की मृत्यु को ‘अच्छा हुआ मुक्ति मिली’ कहा था.
उन्होंने अग्निवेश को ‘हिंदू विरोधी’ करार दिया और कहा कि इस एक्टिविस्ट ने ‘हिंदू धर्म को जबर्दस्त नुकसान’ पहुंचाया है.
राव ने ट्वीट किया था, ‘अच्छा छुटकारा स्वामी अग्निवेश आप भगवा वस्त्र धारण करने वाले हिन्दू विरोधी थे. आपने हिंदुत्व को बहुत नुकसान पहुंचाया है. मुझे शर्म आती है कि आप एक तेलुगु ब्राह्मण के रूप में पैदा हुए थे. यमराज से मेरी यही शिकायत है कि उन्होंने इतना लंबा इंतजार क्यों किया!’
उसी साल 25 जुलाई को राव ने कई ट्वीट्स किए जिसमें दावा किया गया था कि आजादी के बाद से ‘हिंदू सभ्यता के अब्राह्मीकरण’ की दिशा में जोरदार प्रयास किए गए हैं.
Story of Project Abrahamisation of Hindu Civilization
1.Deny Hindus their knowledge
2.Vilify Hinduism as collection of superstitions
3.Abrahamise Education
4.Abrahamise Media & Entertainment
5.Shame Hindus about their identity
6.Bereft of glue of Hinduism Hindu society dies pic.twitter.com/VM4pLcKKXN
— M. Nageswara Rao IPS(R) (@MNageswarRaoIPS) July 25, 2020
उन्होंने दावा किया कि ‘हिंदुओं के पतन’ के पहले चरण में ‘बड़े पैमाने पर इतिहास का विरूपण और उपेक्षा हुई और खूनखराबे से भरे इस्लामी आक्रमणों/शासन पर पर्दा डालने की’ कोशिशें की गई.
राव ने एक उदाहरण के रूप में इसका हवाला दिया कि सड़कों, सार्वजनिक स्थानों के नाम कथित तौर पर ‘आक्रमणकारियों’ के नाम पर रखे गए और ‘दिल्ली के मूल निर्माता कृष्ण/पांडवों के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया.’
उन्होंने यह भी कहा कि ‘सरकार की तरफ से वाम-समर्थक और अल्पसंख्यक-समर्थक शिक्षाविदों/विद्वानों को पूरा संरक्षण’ दिया गया और ‘सरकार ने सभी हिंदू समर्थक राष्ट्रवादियों और शिक्षाविदों/विद्वानों का एकदम करीने से दरकिनार किया और उन्हें हटाया’ भी.
इन ट्वीट्स के बाद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने गृहमंत्री को पत्र लिखकर राव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. लेकिन इस पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था.
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कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों का सामना किया
ओडिशा कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी राव का कैरिअर वित्तीय अनियमितताओं, जांच प्रभावित करने और अपने खिलाफ जांच रोकने जैसी कई शिकायतों के साथ विवादास्पद रहा है.
ओडिशा के भुवनेश्वर में अग्निशमन सेवा निदेशालय प्रमुख के रूप में कार्यकाल संभालने के बाद से ही उन पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं. उनके खिलाफ शिकायतों में सीबीआई के भीतर जांच प्रभावित करना और उसे रोकने, पद पर रहते हुए वित्तीय अनियमितता बरतने और एक मुखौटा कंपनी में उनकी पत्नी की संलिप्तता आदि शामिल हैं.
उन पर भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 70 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ पूछताछ बंद करने का भी आरोप लगा था, जिनका नाम संजय भंडारी की डायरी में है.
एक चार्टर्ड अकाउंटेंट भंडारी को कथित भ्रष्टाचार के आरोप में जनवरी 2015 में तत्कालीन संयुक्त आयकर आयुक्त सल्लोंग यादेन के साथ गिरफ्तार किया गया था.
राव को 2019 में उस समय अंतरिम सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया गया था जब तत्कालीन महानिदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच टकराव गहरा गया था.
आंध्र प्रदेश के वारंगल जिले के बोरेनारसापुर गांव के रहने वाले राव को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के.वी. चौधरी, जो कि सीबीआई में अधिकारियों की बहाली और उनकी वापसी के लिए नोडल अथॉरिटी रहे हैं.
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