नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में सैकड़ों हिंदू सम्मेलनों से लेकर सामुदायिक बैठकों तक के लिए व्यापक अखिल भारतीय योजनाएं बनाई हैं जिसकी शुरुआत 26 अगस्त को यहां संघ प्रमुख मोहन भागवत की तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला से होगी।
आरएसएस के दिल्ली प्रांत के महासचिव अनिल गुप्ता ने कहा कि शताब्दी वर्ष के दौरान आम जनता तक पहुंचने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जनसंपर्क कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
वह आरएसएस से संबद्ध इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (आईवीएसके) द्वारा मीडियाकर्मियों को इस क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान 2025’ प्रदान करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
दो अक्टूबर को इस विजयादशमी पर आरएसएस अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है।
गुप्ता ने कहा कि इस संदर्भ में संगठन ने देश में भागवत की चार व्याख्यान श्रृंखलाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ सरसंघचालक मोहन भागवत की तीन दिवसीय ‘व्याख्यान माला’ (व्याख्यान श्रृंखला) सबसे पहले 26 अगस्त को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की जाएगी। उसके बाद मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता में भी इसका आयोजन किया जाएगा।’’
गुप्ता ने कहा कि इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विभिन्न संगठनों और क्षेत्रों के लोगों को आमंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में भागवत की व्याख्यान श्रृंखला 2018 में विज्ञान भगवान में आयोजित की गई श्रृंखला के समान होगी जिसमें उन्होंने आरएसएस का नीति वक्तव्य प्रस्तुत किया था और कई सवालों के जवाब भी दिए थे।
गुप्ता ने कहा कि इस साल के अंत में देशभर में हिंदू सम्मेलन आयोजित करने की भी योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि ये हिंदू सम्मेलन आरएसएस के सहयोग से विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्ली में हम करीब 1500-1600 हिंदू सम्मेलनों का आयोजन करेंगे।’’
गुप्ता ने कहा कि समाज में समरसता के लिए देशभर में बड़ी संख्या में बिरादरी गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष के दौरान देशभर में व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत आरएसएस कार्यकर्ता और समाज की ‘सज्जन शक्ति’ (बड़े लोग) घर-घर जाकर संघ का संदेश देंगे।
गुप्ता ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह इतना बड़ा जन-संपर्क अभियान होगा, जिसे दुनिया के किसी अन्य संगठन ने नहीं किया होगा।’’
भाषा राजकुमार पवनेश
पवनेश
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