कोच्चि (केरल), 31 जनवरी (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि पिछले साल नवंबर में पलक्कड़ जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता की हत्या के मामले के कुछ पहलुओं की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा किए जाने की आवश्यकता है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि आरोपियों के कुछ ठिकाने राज्य से बाहर हैं और इसलिए ‘‘ सीबीआई को इसकी जांच करने दें।’’
न्यायमूर्ति के. हरिपाल ने कहा कि हाल ही में राज्य के पुलिस प्रमुख ने भी मामले को लेकर कुछ चिंताएं जताई थीं और इसलिए सीबीआई भी इस मामले की जांच कर सकती है।
आरएसएस कार्यकर्ता की पत्नी ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर कर रखी है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह राय व्यक्त की।
राज्य सरकार ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामले पर अंतिम रिपोर्ट लगभग तैयार है और 18 में से केवल एक आरोपी को ही गिरफ्तार किया जाना बाकी है। उस एक आरोपी के ठिकानों का भी पता चल गया है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
राज्य सरकार ने कहा कि अंतिम रिपोर्ट 10 फरवरी या उससे पहले दाखिल की जा सकती है।
न्यायमूर्ति के. हरिपाल कहा,‘ ‘‘ आप (पुलिस) जल्दबाजी क्यों करना चाहते हैं? सीबीआई को जांच करने दें, इसमें क्या परेशानी है? राज्य के बाहर भी कुछ ठिकाने हैं। मुझे लगता है कि मामले से जुड़े कुछ पहलुओं की जांच सीबीआई द्वारा किए जाने की आवश्यकता है।’’
इसके बाद भी राज्य सरकार ने कुछ अतिरिक्त समय की मांग की। इस पर अदालत ने मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
इस बीच, याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि राज्य को अंतिम रिपोर्ट की एक प्रति उच्च न्यायालय के समक्ष पेश करनी चाहिए, ताकि कार्यकर्ता की पत्नी अपनी याचिका को तदनुसार संशोधित कर सके।
गौरतलब है कि आरएसएस के 27 वर्षीय कार्यकर्ता ए. संजीत की 15 नवंबर को उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह अपनी पत्नी को कार्यस्थल पर छोड़ने जा रहे थे। पुलिस ने मामले में ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) के एक अधिकारी सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है।
भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार संगठनों ने आरोप लगाया है कि दिनदहाड़े हुई इस हत्या के पीछे पीएफआई की राजनीतिक शाखा ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (एसडीपीआई) के कार्यकर्ताओं का हाथ है।
भाषा निहारिका अनूप
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