तिरुवनंतपुरम/कोझिकोड, पांच अप्रैल (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा कि देश में कैथोलिक चर्च के स्वामित्व वाली संपत्तियों के बारे में आरएसएस के मुखपत्र में हाल में प्रकाशित एक लेख दक्षिणपंथी संगठन की ‘‘असली मानसिकता’’ और ‘‘संघ परिवार की कथित बहुसंख्यक सांप्रदायिकता’’ को दर्शाता है।
विजयन के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया कि हालांकि लेख को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र की वेबसाइट से हटा दिया गया है, लेकिन यह कुछ ‘‘नकारात्मक संकेत’’ देता है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इसे ‘‘अल्पसंख्यक समूहों को एक-एक करके निशाना बनाने और उन्हें चरणबद्ध तरीके से बर्बाद करने की एक बड़ी साजिश’’ के हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने भी इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए दावा किया कि लेख से पता चलता है कि आरएसएस की नजर अब चर्च की संपत्ति पर है।
कोझिकोड में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया कि लेख में आरएसएस ने केंद्र सरकार से कैथोलिक चर्च की सात करोड़ हेक्टेयर से अधिक भूमि को अपने कब्जे में लेने को कहा है।
उन्होंने दावा किया कि आरएसएस के अनुसार, ब्रिटिश काल के दौरान चर्च की संपत्ति को अवैध रूप से पट्टे पर दिया गया था।
सतीशन ने दावा किया कि लेख के द्वारा आरएसएस की मांग उसी दिन सामने आई थी, जिस दिन संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने आगाह किया था कि अगर वक्फ विधेयक पारित हो जाता है, तो चर्च विधेयक भी पारित हो जाएगा।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से संकेत मिलता है कि संघ परिवार केरल में ईसाइयों को खुश करने की कोशिश कर रहा है, जबकि वह ‘‘देश के बाकी हिस्सों में उन पर हमला कर रहा है।’’
भाषा शफीक देवेंद्र
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