नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में ‘शस्त्र पूजा’ की.
पद्म भूषण और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन, जो इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भी हैं, आरएसएस प्रमुख के साथ देखे गए.
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और इसरो के पूर्व प्रमुख के. सिवन भी मौजूद थे.
आरएसएस प्रमुख का विजयादशमी संबोधन संगठन के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम माना जाता है क्योंकि इस मौके पर उनके संबोधन के दौरान भविष्य की योजनाओं और दृष्टिकोण को सभी के सामने रखा जाता है. इसी मंच से राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर आरएसएस के रुख का पता चलता है. विजयादशमी मनाने के लिए एकत्र हुए आरएसएस के सदस्यों को ‘संघ प्रार्थना’ का पाठ करते भी देखा गया.
पिछले वर्षों में विजयादशमी कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, एचसीएल प्रमुख शिव नडार और बाल अधिकार कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुई हैं. विजयादशमी या दशहरा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो हर साल नवरात्रि के अंत में मनाया जाता है.
यह हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर के सातवें महीने अश्विन के दसवें दिन मनाया जाता है. यह त्यौहार आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के ग्रेगोरियन कैलेंडर महीनों में आता है.
विजयदशमी का त्यौहार देश के लगभग हर हिस्से में मनाया जाता है, और इसके साथ कई कहानियाँ जुड़ी हुई हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय भगवान राम द्वारा रावण की हार है, जो भारत में सबसे अधिक पूजनीय देवताओं में से एक हैं.
इस त्यौहार से प्रकाश के महत्वपूर्ण त्यौहार दीवाली की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं, जो विजयादशमी के बीस दिन बाद मनाया जाता है.
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