वाराणसी (उप्र), 30 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को वाराणसी में एक सामूहिक विवाह समारोह में भाग लिया और एक आदिवासी युवती का पारंपरिक रूप से कन्यादान किया।
आयोजकों के मुताबिक शंकुलधारा तालाब के पास अक्षय तृतीया के अवसर पर बड़े पैमाने पर सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें 125 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।
एकता के प्रतीकात्मक संकेत के रूप में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आदिवासी युवती राजवंती का कन्यादान किया। सोनभद्र जिले के जोगीडीह की रहने वाली राजवंती का विवाह रेणुकूट के आदिवासी युवक अमन से हुआ है।
आयोजकों के अनुसार सामूहिक विवाह का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना था, जिसमें उच्च जातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के वर-वधू एक मंच पर एकत्र हुए।
उन्होंने बताया कि भागवत ने दुल्हन के पैर धोने और पिता की तरह आशीर्वाद देने समेत सभी पारंपरिक रस्में निभाईं।
आयोजकों ने बताया कि सभी 125 दुल्हनों की बारात शंकुलधारा तालाब से शुरू हुई और पारंपरिक संगीत, ढोल व आतिशबाजी के साथ ऐतिहासिक द्वारकाधीश मंदिर तक पहुंची, जहां धार्मिक अनुष्ठान किए गए।
उन्होंने बताया कि सभी समुदायों ने अनुष्ठानों में हिस्सा लिया, जिसमें प्रत्येक सामाजिक समूह के पुजारी ने अलग-अलग विवाह संपन्न कराया। भागवत खुद उनमें से एक वेदी पर बैठे रहे।
आयोजकों ने बताया कि पहली बार पिछड़े और दलित समुदायों के दूल्हे उच्च जाति के दूल्हों के साथ घोड़े पर सवार हुए।
भाषा सं. सलीम जोहेब
जोहेब
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