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सोमवार, 2 जून, 2025
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दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल से 50 लाख रुपये नकद और सोना चोरी, हेड कांस्टेबल अरेस्ट

हेड कांस्टेबल खुर्शीद मालखाना प्रभारी के सहायक थे और ड्यूटी ऑफिसर के तौर पर भी काम करते थे. पता चला है कि 24 मई को उन्हें स्पेशल सेल से उत्तर-पूर्वी जिले में ट्रांसफर किया गया था.

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नई दिल्ली: एक बड़ी सुरक्षा चूक में, शनिवार तड़के दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के लोदी कॉलोनी स्थित मालखाने से 50 लाख रुपये नकद और सोना चोरी हो गया.

इस मामले में पहले मालखाने में तैनात हेड कांस्टेबल खुर्शीद को गिरफ्तार किया गया है.

मालखाना पुलिस थाने के भीतर एक निर्धारित स्टोर रूम होता है जहां जांच के दौरान जब्त की गई कीमती चीजों को सुरक्षित रखा जाता है. स्पेशल सेल का यह मालखाना, जो आतंकवाद विरोधी मामलों को संभालता है, आम तौर पर एक सामान्य पुलिस थाने की तुलना में अधिक कीमती सामान रखता है क्योंकि इसके मामलों की संवेदनशीलता और पैमाना बड़ा होता है.

सूत्रों ने बताया कि खुर्शीद मालखाने के इंचार्ज के सहायक थे और ड्यूटी ऑफिसर के रूप में भी काम कर रहे थे.

31 मई को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई और उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया.

सूत्रों के अनुसार, खुर्शीद ने स्पेशल सेल के मालखाने की चोरी को अंजाम देने के लिए चाबी की एक डुप्लीकेट जोड़ी बनवाई थी, जो ग्राउंड फ्लोर पर स्थित है.

एक सूत्र ने बताया, “वह पहले वहां पोस्टेड थे, इसलिए उनके पास चाबियों की पहुंच थी. उन्होंने एक जोड़ी चाबी बनवाई. क्योंकि कोई शोर नहीं हुआ और ताला तोड़ा नहीं गया, इसलिए वह बिना किसी शक के चोरी कर सके.”

एक अन्य सूत्र के अनुसार, खुर्शीद ने कथित तौर पर यह चोरी उस वक्त की जब ड्यूटी ऑफिसर सो रहे थे. “ऑफिसर परिसर में ही थे, लेकिन मालखाने से दूर. ऐसा लगता है कि स्टाफ को यह नहीं पता था कि खुर्शीद को कुछ दिन पहले ही वहां से हटा दिया गया है, इसलिए उन्होंने सोचा कि वह अभी भी वहीं पोस्टेड हैं और उन्हें अंदर जाने दिया. माना जा रहा है कि उन्होंने बॉक्स से चाबी निकाली और नकदी व सोना चुरा लिया.”

पुष्टि की गई है कि ड्यूटी ऑफिसर परिसर में ही रहते हैं — क्योंकि यह 24 घंटे की ड्यूटी होती है — लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि किस चाबी का इस्तेमाल किया गया.

एक सूत्र ने कहा, “सुबह जब स्टाफ ने दरवाजा खुला देखा, तो अलार्म बजा,”

बाद में खुर्शीद को उत्तर-पूर्वी दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया.

उन्हें परिसर की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पकड़ा गया.

24 मई को उन्हें स्पेशल सेल से उत्तर-पूर्वी जिला भेजा गया था, जहां उन्होंने डेढ़ साल तक सेवा दी थी.

तीसरे सूत्र ने कहा, “मालखाने में पोस्टेड कर्मचारी केस प्रॉपर्टी संभालने के लिए जिम्मेदार होते हैं. हमें संदेह है कि स्टाफ भ्रमित हो गया या सोचा कि वह किसी पुराने केस से संबंधित काम के लिए आया है.”

सूत्र ने जोड़ा, “वह इसलिए पकड़ा गया क्योंकि उसने मालखाने का दरवाजा खुला छोड़ दिया था. तभी स्टाफ को शक हुआ और उसे 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया। जब स्टाफ को अलर्ट हुआ, तब उन्होंने सीसीटीवी फुटेज चेक की.”

स्पेशल सेल थाने में बहु-स्तरीय सुरक्षा होती है. सूत्रों के अनुसार, किसी भी समय छह से सात पुलिसकर्मी ड्यूटी पर होते हैं. सुरक्षा टीम में नागालैंड पुलिस के कर्मी, स्पेशल सेल के दो अफसर जिनमें एक ड्यूटी ऑफिसर शामिल है, एक हथियारबंद गार्ड और अंतिम चेकपोस्ट पर तैनात एक और अधिकारी शामिल होता है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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