नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत आवंटित 4500 करोड़ रुपये की राशि राज्यों के पास पड़ी है जिसका उपयोग नहीं किया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत दी गई यह राशि राज्य सरकारों के पास पड़ी हुई हैं।
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे मई, 2018 से देश में लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में सामाजिक-आर्थिक बुनियादी ढांचे को विकसित करना है।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि वर्ष 2008 के बाद से अवसंरचना विकास संबंधी 58 हजार से अधिक कार्यों (यूनिट)की अनुमति दी गई, लेकिन 10 वर्ष के बाद भी इनकी शुरुआत नहीं हो सकी।
उनका कहना था, ‘‘राज्य सरकार की राय थी कि इन कार्यों को मूर्त रूप दे पाना संभव नहीं है। इस कारण मंत्रालय ने इन कार्यों को रद्द कर दिया है।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के तहत करीब 12 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि मोदी सरकार के नौ वर्षों की अवधि में 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं।’’
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