चंडीगढ़, 15 सितंबर (भाषा) पंजाब के आबकारी एवं कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को कहा कि उनके विभाग ने 385 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन से जुड़े घोटाले में कथित संलिप्तता के सिलसिले में सात व्यक्तियों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं।
उन्होंने बताया कि इसमें 69 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी हुई है।
चीमा ने कहा कि 12 सितंबर को एक कंपनी और उसके दो निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
जांच में फर्जी कंपनियों के एक जटिल नेटवर्क का पता चला, जिसमें दो और कंपनियां शामिल थीं। ये बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की गतिविधियों और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के गलत दावे में लिप्त थीं।
चीमा ने कहा, ‘घोषित व्यावसायिक स्थानों के भौतिक सत्यापन से पता चला कि वे या तो बंद थे या अस्तित्व में नहीं थे, जिससे उनके संचालन की धोखाधड़ी की प्रकृति की पुष्टि हुई। कंपनी पर 310 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले लेनदेन का आरोप है, जिसके परिणामस्वरूप 55.93 करोड़ रुपये की कर चोरी हुई।’’
उन्होंने कहा कि इस मामले में फतेहगढ़ साहिब के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पास प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
चीमा ने कहा कि एक अलग कार्रवाई में एक अन्य प्रमुख फर्जी बिलिंग घोटाले में उनकी भूमिका के लिए एक फर्म और उसके तीन सहयोगियों के खिलाफ नौ सितंबर को एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
भाषा शुभम सुरेश
सुरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.