चेन्नई, 29 अक्टूबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नगर प्रशासन एवं जल आपूर्ति (एमएडब्ल्यूएस) विभाग में कथित भर्ती घोटाले को लेकर तमिलनाडु पुलिस से प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है क्योंकि उसका दावा है कि इसमें कुछ लोक सेवक और राजनेता शामिल थे।
संघीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि इस भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से राज्य सरकार ने लगभग 2,500 उम्मीदवारों का चयन किया और आरोपियों द्वारा प्रति उम्मीदवार 25-35 लाख रुपये की रिश्वत ली गई।
सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने हाल ही में राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एक पत्र लिखने के साथ उनसे कथित घोटाले से जुड़े दस्तावेज, तस्वीरें और व्हाट्सएप चैट जैसे ‘सबूत’ साझा किए हैं।
ईडी ने राज्य सरकार की उक्त भर्ती में कथित अनियमितताओं के बारे में पुलिस के साथ जानकारी साझा करते हुए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 66 (सूचना का खुलासा) के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल किया है।
इस धारा के तहत ईडी पुलिस जैसी प्राथमिक जांच एजेंसी के साथ सबूत साझा किया जाता है ताकि प्राथमिकी दर्ज हो सके और वह निर्धारित धन शोधन का मामला दर्ज करने के लिए (पुलिस द्वारा दर्ज) संबंधित अपराध का संज्ञान ले सके।
पुलिस को बताया गया कि ईडी को एमएडब्ल्यूएस भर्ती घोटाले से संबंधित सबूत तब मिले जब वह एक बैंक धोखाधड़ी मामले में छानबीन कर रही थी।
ईडी ने तमिलनाडु पुलिस को सूचित किया कि उसने कुछ उपकरण ज़ब्त किए हैं जिनमें वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के दौरान एमएडब्ल्यूएस के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की भर्ती से जुड़ी परीक्षाओं और चयन प्रक्रिया में कथित भ्रष्टाचार और कदाचार से संबंधित सबूत मिले हैं।
सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने लगभग 150 उम्मीदवारों का विवरण साझा किया है जिन्होंने चयन के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी। उन्होंने बताया कि यह पाया गया कि कथित रिश्वत की राशि नकद में ली गई थी और हवाला नेटवर्क का उपयोग करके स्थानांतरित की गई थी।
भाषा संतोष रंजन
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