मुंबई, 22 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र में चलती ट्रेन में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कर्मी द्वारा गोलीबारी की घटना से जुड़े मामले की एक गवाह ने सोमवार को एक स्थानीय अदालत को बताया कि उसने एक ‘दाढ़ी वाले’ व्यक्ति को खून से लथपथ देखा था और आरोपी ने उसे दो गालियां मारी थीं।
जुलाई 2023 में गोलीबारी वाले दिन अपनी सहेली के साथ यात्रा कर रही 29-वर्षीय युवती ने घातक हमले के बारे में अदालत को ‘आंखों देखी’ जानकारी दी।
आरपीएफ के पूर्व कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी पर 31 जुलाई 2023 को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ सहयोगी सहायक उप-निरीक्षक टीका राम मीणा और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है।
कुछ समय बाद उसे पटरियों के पास से गिरफ्तार कर लिया गया और तब से वह जेल में है तथा उसे नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया।
बोरीवली अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वाई.बी. पठान के समक्ष गवाही देते हुए युवती ने कहा कि वह सुबह करीब साढ़े पांच बजे उठी और उसने एक व्यक्ति को पेंट्री कार से बाहर भागते देखा, उसके पीछे आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आरपीएफ जवान (चौधरी) से पूछा कि क्या कुछ हुआ है। वह मुझे गुस्से से घूरता रहा और मैं चुपचाप अपनी सीट पर बैठ गई।’’
महिला ने बताया कि उसकी सहेली शौचालय जाना चाहती थी लेकिन आरपीएफ कांस्टेबल शौचालय के पास खड़ा था और जब उससे रास्ता देने को कहा गया तो उसने उसकी सहेली को घूरा और उन्हें मजबूरन अपनी सीट पर वापस जाना पड़ा।
गवाह ने बताया कि उनके डिब्बे में दो-तीन बार घूमने के बाद आरोपी वहां एक दाढ़ी वाले व्यक्ति के पास पहुंचा और उससे बहस करने लगा।
अतिरिक्त लोक अभियोजक सुधीर सपकाले द्वारा पूछताछ के दौरान महिला ने बताया कि इसके बाद उसने (चौधरी ने) उस व्यक्ति को दो बार गोली मारी, परिणामस्वरूप वह व्यक्ति खून से लथपथ था।
युवती ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता जयवंत पाटिल के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमले के बाद वह इतना डर गयी थी कि उस जगह दोबारा नहीं गई जहां व्यक्ति को गोली मारी गई थी।
गवाह के अनुसार, बाद में उसने घर पर घटना और आरपीएफ कांस्टेबल की गिरफ्तारी के बारे में समाचार देखा।
चौधरी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत में पेश किया गया, जहां युवती ने आरोपी की पहचान की।
चौधरी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और अन्य धाराओं के साथ ही रेलवे अधिनियम और महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोपित किया गया है।
भाषा यासिर सुरेश
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