पटना, 22 अक्टूबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव में बुधवार को महागठबंधन को उस समय झटका लगा जब निर्वाचन आयोग ने कैमूर जिले की मोहनिया विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने पाया कि सुमन उत्तर प्रदेश की निवासी हैं, जबकि मोहनिया सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है तथा ऐसे में दूसरे राज्य के व्यक्ति को आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है।
श्वेता सुमन ने आरोप लगाया कि उनका नामांकन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व के ‘दबाव’ में रद्द किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि भाजपा उम्मीदवार संगीता कुमार की जीत सुनिश्चित हो सके। मेरे नामांकन को यह कहकर खारिज कर दिया गया कि मैं उत्तर प्रदेश की निवासी हूं और आरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ सकती। मैं यहां पिछले 20 वर्षों से रह रही हूं।’
सुमन ने आरोप लगाया कि ‘यह भाजपा नेताओं के निर्देश पर काम कर रहे चुनाव अधिकारियों की मनमानी है।’
उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा प्रत्याशी ने अपना जाति प्रमाणपत्र नामांकन दाखिल करने के बाद प्रस्तुत किया था, फिर भी उनके कागजात स्वीकार कर लिए गए।
राजद उम्मीदवार ने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से चुनाव अधिकारियों के इस पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगी।’
भाषा कैलाश
नोमान हक
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