नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) विभिन्न दक्षिणपंथी संगठनों ने रविवार को यहां महापंचायत की और वक्फ (संशोधन) विधेयक को आंशिक समर्थन देते हुए वक्फ बोर्ड को ‘‘पूरी तरह समाप्त’’ करने की मांग की।
जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार उसने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक ज्ञापन भी भेजा, जिसमें वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के ‘‘राष्ट्रीयकरण’’ की मांग की गई।
जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के आह्वान पर इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय हिंदू फ्रंट समेत विभिन्न दक्षिणपंथी समूहों द्वारा किया गया था।
बयान में कहा गया, ‘‘महापंचायत में देशभर से आए विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने एक स्वर में वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की मांग की। इस संबंध में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और भारत की राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा गया।’’
महापंचायत को संबोधित करते हुए जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि विभाजन के बाद पाकिस्तान गए मुसलमानों की संपत्तियां 1954 में तत्कालीन भारत सरकार ने यहां के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को दे दी थीं।
बयान में चौधरी के हवाले से कहा गया है, ‘‘1955, 1995 और 2013 में (वक्फ) कानून में संशोधन के कारण वक्फ बोर्ड को संपत्तियों पर दावा करने के असीमित अधिकार मिल गए हैं। नतीजतन, देशभर में वक्फ बोर्ड द्वारा अन्य धर्मों के अनुयायियों की जमीनों पर अवैध कब्जे की बाढ़ आ गई है।’’
इसमें कहा गया कि महापंचायत ने वक्फ अधिनियम को ‘‘भेदभावपूर्ण’’ पाया और कहा कि यह संविधान के तहत गारंटीकृत समानता के अधिकार का ‘‘घोर उल्लंघन’’ करता है।
इसमें कहा गया, ‘‘इसलिए महापंचायत ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि वक्फ बोर्ड को समाप्त कर दिया जाना चाहिए और इसकी सभी संपत्तियां भारत सरकार द्वारा अधिग्रहित कर ली जानी चाहिए।’’
भाषा देवेंद्र शोभना
शोभना
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