नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराने के आरोपी दीप सिद्धू पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया है.
दिल्ली पुलिस ने दीप सिद्धू और उसके साथ चार साथियों की सूचना देने वालों पर एक एक लाख का इनाम घोषित किया है. इनमें दीप के साथ जुगराज सिंह, गुरजोत सिंह और गुरजांत सिंह है जबकि पुलिस ने अन्य चार लोगों की सूचना देने वालों पर भी 50,000-50,000 का इनाम घोषित किया है. जिनमें जजबीर सिंह, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह और इक़बाल सिंह के नाम शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस ने इन लोगों की फोटो जारी करते हुए ईनाम की घोषणा की है. इनपर आरोप है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई रैली में इन लोगों ने जमकर हिंसा की और लाल किले के प्राचीर पर निशान साहिब का झंडा भी फहरा दिया था. बता दें कि दीप सिद्धू का नाम सामने आने के बाद से ही दीप सिद्धू फरहार हैं. दिल्ली पुलिस ने उनपर भड़काऊ भाषण देने और उपद्रव फैलाने के लिए एफआईआर दर्ज की थी.
दीप ने वीडियो जारी कर मांगा था वक्त
बता दें जब सिद्धू का नाम दंगा फैलाने वालों की लिस्ट में आ गया तो उन्होंने कुछ ही दिन बाद एक वीडियो जारी कर जांच में शामिल होने की बात कही थी और सच्चाई सामने लाने के लिए वक्त भी मांगा था. दीप सिद्धू ने कहा था कि उन्हें सच्चाई सामने लाने के लिए कुछ वक्त चाहिए और उसके बाद वह जांच में शामिल होंगे.
धार्मिक झंडा लगाने के आरोप में सिद्धू(36) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा,‘ मेरे खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है और लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है. पहले तो मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि मैं जांच में शामिल होऊंगा.’
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सिद्धू ने कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए उन्हें कुछ वक्त चाहिए.
सिद्धू ने कहा,‘ क्योंकि गलत सूचना फैलाई गई हैं और वह जनता को गुमराह कर रही हैं. इसलिए मुझे सच्चाई सामने लाने के लिए कुछ वक्त चाहिए और उसके बाद मैं जांच में शामिल होऊंगा.’
वीडियो में कहा गया, ‘ जांच एजेंसियों से मेरा अनुरोध है…. जब मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है,तो मैं क्यों भागूंगा और क्यों डरूंगा. मुझे भय नहीं है. मैंने कुछ गलत नहीं किया है और यह सामने आ जाएगा.’
सिद्धू ने जांच एजेंसियों और पुलिस विभाग से कहा है कि वह दो दिन में उनके सामने पेश होंगे.
उन्होंने कहा,‘ जिस प्रकार की अफवाहें फैलाई जा रही हैं वह तथ्यों पर आधारित नहीं हैं. मुझे तथ्यों पर आधारित सच्चाई सामने लाने के लिए दो दिन चाहिए और मैं सारे साक्ष्य और सबूत इकट्ठा करूंगा.’
गौरतलब है कि जिस समय लाल किले पर धार्मिक और किसान संगठनों के झंडे लगाए गए तब सिद्धू वहीं पर मौजूद थे. इस घटना के बाद जबरदस्त आक्रोश फैल गया था.
किसान संगठनों ने सिद्धू पर आंदोलन की छवि खराब करने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए उन्हें ‘गद्दार ’ करार दिया है.
सिद्धू ने अपने नए वीडियो में कहा,‘ सभी सूचनाओं पर गौर करने के बाद अब ऐसा लग रहा है कि यह फंसाने की एक चाल भी हो सकती है. यह दिल्ली पुलिस की या सरकार की चाल हो सकती है. यह फंसाने की चाल लग रही है.’
उन्होंने सिलसिलेवार ढंग से घटना की जानकारी देते हुए कहा, ‘मैं अपने स्थान से सुबह करीब 10:45 बजे कार से निकला. उस वक्त जानकारी मिल रही थी कि लोग अपने आप रिंग रोड की ओर बढ़ रहे हैं और दिल्ली की ओर जा रहे हैं और उन्होंने दिल्ली पुलिस और सरकार के द्वारा बताए गए रास्तों का पालन नहीं किया.’
उन्होंने दावा किया कि मुख्य रास्ता बंद होने के कारण वह गांवों से होते हुए गए और उस स्थान पर पहुंचे जहां अवरोधक टूटे हुए थे.
सिद्धू ने कहा कि एक स्थान पर पुलिस ने यातायात रोका हुआ था और वे भी वहीं फंस गए थे. उन्होंने दावा कियाा कि पुलिस ने ‘‘कमजोर’’ अवरोधक लगाए थे.
उन्होंने दावा किया कि पुलिस एक ट्रैक्टर और एक कार को जाने दे रही थी और वह भी आगे बढ़ गए.
सिद्धू ने कहा कि इसके बाद वे लाल किले के पास पहुंच गए और रास्ते में ही उन्हें एक व्यक्ति से ‘निशान साहिब’ मिल गया था. उन्होंने कहा कि लाल किले में घुसने के बाद उन्होंने वहां हजारों लोगों को देखा.
सिद्धू ने कहा कि कुछ लोगों ने ध्वजस्तंभ पर ‘निशान साहिब’ और किसानों का झंडा लगा दिया. उन्होंने दावा किया कि यहां तक की पुलिसकर्मियों ने किसी प्रकार का उपद्रव नहीं करने के लिए उनकी ‘‘सराहना’’ की और इसके बाद वह लाल किले से बाहर आ गए.
उन्होंने कहा कि बाद में उन्हें बताया गया कि कुछ लोग लाल किले से बाहर नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ,‘ हम वापस गए और लोगों से नीचे आने को कहा.’
सिद्धू ने दावा किया कि दिल्ली में दो आईपीएस अधिकारियों ने लोगों को वापस लाने के लिए उनका शुक्रिया भी अदा किया.
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