भोपाल, 23 सितंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि राज्य के रीवा जिले में दुनिया के सबसे बड़े अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र को प्रतिष्ठित हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा आदर्श प्रबंधन के लिए केस स्टडी के रूप में शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा समृद्ध राज्य के रूप में उभरने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में कहा, ‘दुनिया की सबसे बड़ी रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजना चालू हो गई है। इसे उत्कृष्ट प्रबंधन संचालन के आदर्श उदाहरण के रूप में हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा केस स्टडी के रूप में शामिल किया गया है।’
इसके साथ ही, ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी पर 600 मेगावाट क्षमता की दुनिया की सबसे बड़ी तैरती सौर ऊर्जा परियोजना भी विकसित की जा रही है।
यादव ने कहा कि मप्र के विभिन्न क्षेत्रों में कई छोटी और बड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र न केवल दुनिया की सबसे बड़ी ऐसी सुविधा है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर सबसे कम दर पर वाणिज्यिक ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है। यहां से 25 साल तक 3.30 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी।
सीएमओ ने बताया कि इस अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र (यूएमपीपी) से अप्रैल 2019 में दिल्ली मेट्रो रेलवे कॉरपोरेशन को बिजली की आपूर्ति शुरू हुई थी, जबकि जनवरी 2020 में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हुआ।
एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि मध्यप्रदेश में प्रचुर मात्रा में सौर ऊर्जा है और यहां 300 से अधिक धूप वाले दिन हैं।
उन्होंने कहा कि रीवा संयंत्र विश्व बैंक के स्वच्छ प्रौद्योगिकी कोष से वित्त पोषित देश की पहली सौर परियोजना है।
अधिकारी ने कहा, ‘आज दुनिया की 10 सबसे बड़ी सौर परियोजनाओं में से आधी भारत में हैं। रीवा सौर ऊर्जा संयंत्र उनमें से एक है।’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की 2014 में शुरू की गई सोलर पार्क योजना के तहत 500 मेगावाट से अधिक क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं को सोलर पार्क में शामिल किया जाता है और उन्हें अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क कहा जाता है।
अधिकारी ने बताया कि हार्वर्ड केस स्टडी में बताया गया है कि भारत में करीब 4.67 लाख वर्ग मीटर बंजर जमीन है, जहां सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा सकते हैं।
रीवा सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए सरकार ने जून 2014 में बधवार गांव में 275 हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी।
इस सुविधा की स्थापना के लिए औपचारिक मंजूरी अप्रैल 2015 में दी गई थी। दो महीने बाद रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड की स्थापना मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के बीच 50-50 फीसदी के संयुक्त उद्यम के रूप में की गई।
इसके बाद बरवार, बरसेटा देश, बरसेटा पहाड़, इटार पहाड़ और रामनगर पहाड़ गांवों में 981 हेक्टेयर जमीन का एक और हिस्सा आवंटित किया गया। वर्ष 2018-19 तक, परियोजना के लिए और गांवों में उपलब्ध बंजर जमीन आवंटित की गई।
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली मेट्रो रेलवे कॉरपोरेशन को बिजली की आपूर्ति अप्रैल 2019 में शुरू हुई और जनवरी 2020 में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हुआ।
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दिमो, रवि कांत
रवि कांत
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