शिमला, 26 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिलों में कई विकास परियोजनाओं के शुरू होने से क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा।
केंद्रीय संसदीय एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने शिमला में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों के उनके दौरे के दौरान 85 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी।
रीजीजू शुक्रवार को किन्नौर और शनिवार को लाहौल-स्पीति जिले का दौरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है, जिसे इतनी बड़ी परियोजनाएं मिली हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है और वर्तमान केंद्र सरकार की पहल से सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास अब चीन के समतुल्य हो रहा है।
उन्होंने बताया कि 2013 में तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्र विकसित नहीं हो सकते।
रीजीजू ने कहा कि वह लाहौल-स्पीति के काजा में 73.77 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ‘हाई एल्टीट्यूड’ प्रशिक्षण केंद्र की आधारशिला रखेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण केंद्र में ‘आइस हॉकी’, शीतकालीन खेल, कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं होंगी, जिससे स्थानीय युवाओं को सर्दियों के दौरान क्षेत्र बंद रहने पर कौशल विकास के साथ-साथ खेलों में शामिल होने का अवसर मिलेगा।
रीजीजू 4.89 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ‘इंडोर स्टेडियम’ की आधारशिला भी रखेंगे, जिसमें टेबल टेनिस, बैडमिंटन और अन्य खेलों की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री किन्नौर के ग्याबांग में 4.79 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ग्रीन ग्रास टर्फ ग्राउंड और काजा में 1.48 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले क्रिकेट ग्राउंड की आधारशिला भी रखेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मध्य एवं निचले पहाड़ी क्षेत्रों के लिए और भी योजनाएं हैं, जिनकी घोषणा वे दूसरे चरण में करेंगे।
रीजीजू ने कहा कि वे दलाई लामा को उनके जन्मदिन पर बधाई देने के लिए छह जुलाई को फिर धर्मशाला आएंगे।
भाषा जितेंद्र सुरेश
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