नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय के एक हालिया फैसले का हवाला देते हुए सरकारी अधिकारियों के एक संगठन ने रविवार को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) में लंबे समय से रुकी हुई पदोन्नति को तुरंत फिर से शुरू करने का आग्रह किया।
डीओपीटी सचिव पी के त्रिपाठी को लिखे एक पत्र में संगठन ने उनसे संबंधित अनुभाग को अपने रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया ताकि सीएसएस अधिकारियों के पदोन्नति आदेश बिना किसी देरी के जारी किए जा सकें क्योंकि उनमें से कई अपने उचित करियर लाभ प्राप्त किए बिना हर महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
सीएसएस अधिकारियों के संगठन ‘सीएसएस फोरम’ के एक सदस्य ने कहा यह पत्र इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अनुभाग अधिकारी, अवर सचिव, उप सचिव, निदेशक और संयुक्त सचिव के स्तर पर 1,800 से अधिक पद खाली हैं, जबकि उनकी स्वीकृत संख्या 6,210 है।
उन्होंने कहा कि 1,800 से अधिक मौजूदा रिक्तियों के अलावा, 2,700 से अधिक अधिकारी तदर्थ पदोन्नति पर काम कर रहे हैं। डीओपीटी सचिव को लिखे अपने पत्र में ‘सीएसएस फोरम’ के महासचिव मनमोहन वर्मा ने कहा कि शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को उन सभी बिंदुओं को स्पष्ट किया, जिन पर मामला विचाराधीन था। उन्होंने कहा, ‘‘इस फैसले के बाद, पदोन्नति को रोकने का कोई औचित्य नहीं है।’’
वर्मा ने कहा कि डीओपीटी ने जून 2018 में सभी विभागों और मंत्रालयों को पदोन्नति में आरक्षण के मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के परिणाम के अधीन पदोन्नति करने के निर्देश जारी किए थे।
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