श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को होने वाली नमाज से पहले श्रीनगर के आसपास के क्षेत्रों में प्रतिबंध लगा दिया. शहर के सोनवार क्षेत्र में लोगों के मार्च करने का अंदेशा होने पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिए.
प्रतिबंधों के बारे में अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं आया है. गुरुवार शाम से ही जम्मू-पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने क्षेत्र में नाकेबंदी कर रखी थी.
बच्चों को सोनवार क्षेत्र के जीबी पंत अस्पताल में ले जाते हुए बच्चों के परिवारों की पुलिस से नोंक-झोंक भी हो गई जिसके बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा.
छह महीने के बच्चे को संभाले एक महिला ने बताया कि नाकेबंदी से आगे जाने की इज़ाजत पुलिस नहीं दे रही है.वे कहते हैं कि आप पैदल चले जाइए लेकिन बीमार बच्चे के साथ इतनी दूर जाना संभव नहीं है.
घाटी के उन क्षेत्रों में जहां राजनीतिक नेताओं को हिरासत में रखा गया है वहां मीडिया के लोगों को जाने की भी इज़ाजत नहीं दी गई है.
मीडिया के लोगों को डल गेट जो यूनाइटेड नेशन की तरफ जाता है वहां से वापस लौटाया जा रहा है.
मुख्य मस्जिदों को निगरानी में रखा गया
घाटी के प्रमुख मस्जिदों को निगरानी में रखा गया है. राज्य के प्रसिद्ध जामा मस्जिद में शुक्रवार को नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी गई. ईद उल अधा के दिन और पिछली शुक्रवार को भी जामा मस्जिद में समुदायिक नमाज नहीं हो पाई थी.
सरकार ने सोमवार से ट्रैफिक से प्रतिबंध हटा लिए थे और स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तरों को खोलने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद भी पूरे सप्ताह से कर्फ्यू लगा हुआ है.
बिना किसी आह्वान के गुरुवार से लोग आवाज उठा रहे थे और यूएन दफ्तर की तरफ जाने की कोशिश कर रहे हैं. किसी भी अलगाववादी नेता और मुख्यधारा के नेता ने मार्च का आह्वान नहीं किया है.
शहर के कई क्षेत्रों में शुक्रवार को विरोध करने का पोस्टर सामने आया था लेकिन पुलिस ने ऐसे किसी भी पोस्टर की सत्यता की पुष्टि नहीं की है.
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