रूद्रप्रयाग, 17 सितंबर (भाषा) पंचकेदार श्रृंखला के सबसे ऊंचाई पर स्थित तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के शिखर की छतरी का जीर्णोद्धार कार्य रविवार को पूजा अर्चना के साथ शुरू हो गया।
जीर्णोद्वार का यह कार्य श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से कराया जा रहा है। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि तुंगनाथ मंदिर की जीर्ण-शीर्ण छतरी की मरम्मत का कार्य विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के पश्चात शुरू किया गया ।
मंदिर की छतरी को पहले की तरह ही देवदार की लकड़ी से बनाया जा रहा है । जीर्णोद्धार कार्य को उचित ढ़ंग से करने के लिए पहले मंदिर के कलश को भी उतारा गया।
लगभग 13,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के बाहु तथा ह्रदय भाग की पूजा होती है जहां हर साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं । तुंगनाथ घाटी स्थित चोपता तथा दुग्गलबिट्टा को उत्तराखंड का स्विट्जरलैंड माना जाता है । इन्हीं पड़ावों से होकर तीर्थयात्री भगवान तुंगनाथ के दर्शन को पहुंचते हैं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य पर भी विचार हो रहा है । उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) तथा भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग (जीएसआई) को पत्र लिखा है ताकि विशेषज्ञों की राय के अनुसार मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा सके ।
स्थानीय जनता कई वर्षो से तुंगनाथ मंदिर के शिखर पर स्थित छतरी के जीर्णोद्धार की मांग कर रही थी ।
अजय ने इस बाबत पहल करते हुए दानीदाताओं से संपर्क किया जिसके बाद छतरी के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ।
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