श्रीनगर, 27 अगस्त (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद पर्रा ने मंगलवार को कहा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लोगों के लिए उस स्थिति को फिर से हासिल करने का एक अवसर है जहां से उन्हें, अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद ‘‘असंवैधानिक रूप से’’ उपेक्षित कर दिया गया था।
पीडीपी उम्मीदवार के रूप में पुलवामा विधानसभा क्षेत्र के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने वाले पर्रा ने कहा कि वह कश्मीर के लोगों की गरिमा और पहचान को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह कश्मीर में व्याप्त अन्याय और भय के माहौल के खिलाफ आवाज उठाने का एक अवसर है। यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए उस स्थिति को फिर से हासिल करने का एक अवसर है, जहां से उन्हें 5 अगस्त, 2019 के बाद असंवैधानिक रूप से उपेक्षित कर दिया गया था।’’
आतंकवाद से संबंधित मामले में जमानत पर बाहर आए पर्रा ने कहा, ‘‘इस चुनाव में मुख्य एजेंडा कश्मीर के लोगों की पहचान और सम्मान है। यह हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। हम इसे पहले भी उठाते रहे हैं और हम इस पर बात करना जारी रखेंगे।’’
वह नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच गठबंधन के पीडीपी उम्मीदवारों की चुनावी संभावना पर असर से जुड़े सवालों को टाल गए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा गठबंधन लोगों के साथ वैसा ही है जैसा 2002 (विधानसभा चुनाव) में था। हमारा प्रयास (पीडीपी संस्थापक) मुफ्ती मोहम्मद सईद के संदेश और एजेंडे को लोगों तक ले जाना है।’’
पर्रा ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी नेताओं की चुनाव में भागीदारी एक स्वागत योग्य घटनाक्रम है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक स्वागत योग्य कदम है। उनके पास हर अधिकार है और उन्हें राजनीतिक स्थान मिलना चाहिए।’’
पर्रा को 2020 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और 18 महीने से अधिक समय बाद 2022 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। उन्होंने श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार आगा रुहुल्लाह से हार गए थे।
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हक मनीषा
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