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Thursday, 11 September, 2025
होमदेशअरुणाचल के शि योमी जिले के निवासियों को ‘खराब’ इंटरनेट सेवाओं का सामना करना पड़ रहा

अरुणाचल के शि योमी जिले के निवासियों को ‘खराब’ इंटरनेट सेवाओं का सामना करना पड़ रहा

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ईटानगर, सात सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ के प्रयासों के बावजूद चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के शि योमी जिले के निवासियों को ‘‘खराब’’ दूरसंचार और इंटरनेट सेवाओं का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन को ई-गवर्नेंस पहल को चलाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और छात्र इस मुद्दे पर चिंता जता रहे हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सीमावर्ती जिले में 13,000 से अधिक लोग रहते हैं और यहां बार-बार सेवा बाधित होना आम बात है।

शि योमी के उपायुक्त तुंगगे लोया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘दूरसंचार सेवाएं वास्तव में दयनीय हैं। स्थानीय लोग डिजिटल और ई-गवर्नेंस पहलों का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। सीमावर्ती जिले के निवासियों, विशेषकर छात्रों ने चिंता जताई है और निजी सेवा प्रदाता के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है।’’

उन्होंने कहा कि खराब इंटरनेट सेवाओं के कारण डेटा अपलोड करना एक बड़ी समस्या है।

हाल ही में शिक्षा विभाग से नौकरी छोड़ने वाले मिनरिक पाकम ने दावा किया कि ‘‘खराब इंटरनेट सेवाओं’’ के कारण ‘यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस’ (यूडीआईएसई+) का डेटा और छात्रों के बैंक विवरण अपलोड करना बेहद मुश्किल है।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक ​​कि जब इंटरनेट उपलब्ध होता है तब भी अपलोड किया जाने वाला डेटा इतना अधिक होता है कि कार्य पूरा करना असंभव हो जाता है।’’

शि योमी जिले के लुंगटे में कार्यरत सरकारी कर्मचारी डेगे एटे ने भी पाकम की बात दोहराई।

उन्होंने पूछा, ‘‘अगर हम रिचार्ज नहीं कराते तो हमारा ‘आउटगोइंग’ डेटा काट दिया जाता है। लेकिन जब सेवाएं हफ्तों तक ठप रहती हैं तो कोई जुर्माना नहीं लगता। न्याय कहां है?’’

पश्चिम सियांग जिले के निवासी एटे ने दावा किया कि शि-योमी में कार्यरत कई सरकारी कर्मचारी अन्य स्थानों से काम करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सेवाओं में लगातार व्यवधान के कारण वे अपने प्रियजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।’’

उपायुक्त ने कहा कि जिले में आने वाले पर्यटक भी अकसर अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क करने में असफल रहते हैं।

हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि तवांग, अंजॉ और दिबांग घाटी जैसे अन्य सीमावर्ती जिलों में इंटरनेट सेवाएं कमोबेश स्थिर हैं।

संपर्क करने पर जिले में मुख्य सेवा प्रदाता, दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के एक अधिकारी ने सेवा में व्यवधान के लिए सीमा सड़क संगठन को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि बीआरओ के कर्मचारी सड़क निर्माण के दौरान अकसर केबल को नुकसान पहुंचाते हैं।

बीआरओ के एक अधिकारी ने आरोप को खारिज करते हुए दावा किया कि उनका अधिकांश कार्य पहाड़ी की तरफ चल रहा है, जबकि केबल घाटी में बिछाई गई है।

एयरटेल क्लस्टर के प्रभारी प्रमुख रजनीश मिश्रा ने दावा किया, ‘‘हमारी केबल को बार-बार नुकसान पहुंचाए जाने के कारण हमारी सेवाएं प्रभावित होती हैं। बीआरओ के मजदूर अकसर मिट्टी काटने के दौरान केबल को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके परिणामस्वरूप सेवाएं बाधित होती हैं और इंटरनेट सेवाएं बाधित होती हैं।’’

बीआरओ की परियोजना ब्रह्मांक के मुख्य अभियंता एस सी लूनिया ने आरोप को खारिज किया।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने (बीआरओ) जिले के अधिकारियों से अनुमति ली, जिन्होंने विभागों और एजेंसियों को अपने उपकरणों को मार्ग के अधिकार क्षेत्र में स्थानांतरित करने के लिए सूचित किया। दूरसंचार सेवा प्रदाता को अपनी विफलता के लिए दूसरों को दोष देने के बजाय सावधानी बरतनी चाहिए थी।’’

भाषा

शुभम नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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