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Tuesday, 12 August, 2025
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पूरे भारत में जलाशयों के स्तर में सुधार, लेकिन उत्तरी क्षेत्र में सामान्य से कम स्तर : सीडब्ल्यूसी

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नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) देश के प्रमुख जलाशयों में कुल जल-भंडारण स्तर में पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय सुधार हुआ है लेकिन कुछ क्षेत्रों विशेष रूप से उत्तरी क्षेत्र में, सामान्य से कम भंडारण स्तर बना हुआ है, जिससे आगामी महीनों में पानी की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने देशभर के 155 जलाशयों की जल संग्रहण स्थिति पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट जारी की है, जिसमें खुलासा किया गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में समग्र जल-भंडारण स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

शुक्रवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, इन जलाशयों में उपलब्ध संग्रहण क्षमता 130.800 अरब घर मीटर (बीसीएम) है, जो कुल संग्रहण क्षमता का 72 प्रतिशत है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ क्षेत्रों, विशेषकर उत्तरी क्षेत्र में, भंडारण स्तर हालांकि सामान्य से कम है जिससे आने वाले महीनों में जल उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।

यह पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान दर्ज किए गए 114.657 बीसीएम से उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है, जिससे पता चलता कि वर्तमान भंडारण पिछले वर्ष के स्तर का 114 प्रतिशत है तथा पिछले 10 वर्षों के औसत भंडारण का 112 प्रतिशत है।

रिपोर्ट में जल-भंडारण स्तरों में क्षेत्रीय भिन्नताओं पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें कुछ क्षेत्रों में अन्य की तुलना में बेहतर भंडारण स्तर है। उत्तरी क्षेत्र में, जिसमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं, भंडारण स्तर सामान्य से कम है, जहां जलाशयों में उनकी क्षमता का केवल 53 प्रतिशत ही पानी बचा है।

यह पिछले वर्ष दर्ज 84 प्रतिशत की तुलना में महत्वपूर्ण गिरावट है।

इसके विपरीत आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों वाले दक्षिणी क्षेत्र में अधिक सकारात्मक रुझान दिखाई देता है, जहां जलाशयों की क्षमता 80 प्रतिशत है।

पूर्वी क्षेत्र, जिसमें असम, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्य शामिल हैं, में भी जल-भंडारण स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। इस क्षेत्र में जलाशय वर्तमान में 60 प्रतिशत क्षमता पर हैं, जो पिछले वर्ष दर्ज 43 प्रतिशत की तुलना में उल्लेखनीय सुधार है।

इसी तरह पश्चिमी क्षेत्र, जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा शामिल हैं, में भंडारण स्तर में वृद्धि देखी गई है जहां जलाशयों की क्षमता अब 74 प्रतिशत है, जो पिछले वर्ष 69 प्रतिशत थी।

मध्य क्षेत्र में, जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं, जलाशयों में वर्तमान में उनकी कुल क्षमता का 76 प्रतिशत जल भरा हुआ है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान दर्ज 73 प्रतिशत से मामूली सुधार दर्शाता है।

भाषा प्रशांत देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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