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Wednesday, 20 November, 2024
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रिजर्व बैंक ने कहा, कोविड-19 की महामारी के बीच भारत को बढ़ोतरी के लिए व्यापक सुधारों की है जरूरत

भारतीय रिजर्व बैंक ने ओएमओ की भी घोषणा की. जिसके तहत सरकारी शेयर की साथ-साथ खरीद और बिक्री आयोजित करेगा. दो चरणों में 20,000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री की जाएगी.

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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बीच भारत को सतत वृद्धि की राह पर लौटने के लिए गहरे और व्यापक सुधारों की जरूरत है. केंद्रीय बैंक ने आगाह किया है कि इस महामारी की वजह से देश की संभावित वृद्धि दर की क्षमता नीचे आएगी.

रिजर्व बैंक ने अपने ‘आकलन और संभावनाओं’ में कहा है कि कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से ‘तोड़’ दिया है. भविष्य में वैश्विक अर्थव्यवस्था का आकार इस बात पर निर्भर करेगा कि इस महामारी का फैलाव कैसा रहता है, यह महामारी कब तक रहती है और कब तक इसके इलाज का टीका आता है. केंद्रीय बैंक का ‘आकलन और संभावनाएं’ 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट का हिस्सा हैं.

रिजर्व बैंक ने कहा कि एक बात जो उभरकर आ रही है, वह यह है कि कोविड-19 के बाद की दुनिया बदल जाएगी और एक नया ’सामान्य’ सामने आएगा.

रिजर्व बैंक ने कहा, ‘महामारी के बाद के परिदृश्य में गहराई वाले और व्यापक सुधारों की जरूरत होगी. उत्पाद बाजार से लेकर वित्तीय बाजार, कानूनी ढांचे और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के मोर्चे पर व्यापक सुधारों की जरूरत होगी. तभी आप वृद्धि दर में गिरावट से उबर सकते हैं और अर्थव्यवस्था को वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के साथ मजबूत और सतत वृद्धि की राह पर ले जा सकते हैं.’

रिजर्व बैंक ने कहा कि शेष दुनिया की तरह भारत में भी संभावित वृद्धि की संभावनाएं कमजोर होंगी. ‘कोविड-19 के बाद के परिदृश्य में प्रोत्साहन पैकेज और नियामकीय रियायतों से हासिल वृद्धि को कायम रखना मुश्किल होगा, क्योंकि तब प्रोत्साहन हट जाएंगे.’

रिजर्व बैंक ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार भी कुछ अलग होगा. वैश्विक वित्तीय संकट कई साल की तेज वृद्धि और वृहद आर्थिक स्थिरता के बाद आया था. वहीं कोविड-19 ने ऐसे समय अर्थव्यवस्था को झटका दिया है, जबकि पिछली कई तिमाहियों से यह सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ रही थी.


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रिजर्व बैंक की दो चरणों में 20,000 करोड़ रुपये के ओएमओ की घोषणा करेगा

वहीं दूसरी तरफ भारतीय रिजर्व बैंक मुक्त बाजार परिचालन (ओएमओ) की भी घोषणा की. जिसके तहत सरकारी शेयर की साथ-साथ खरीद और बिक्री आयोजित करेगा. दो चरणों में 20,000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री की जाएगी.

रिजर्व बैंक ने मंगलवार को बयान में कहा कि नीलामी दो चरणों में 27 अगस्त और तीन सितंबर को आयोजित की जाएगी. दोनों चरणों में सरकारी शेयरों की 10,000-10,000 करोड़ रुपये की खरीद-बिक्री की जाएगी.

केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति तथा नकदी और बाजार परिस्थतियों की समीक्षा के बाद रिजर्व बैंक ने ओएमओ के तहत सरकारी प्रतिभूतियों की साथ-साथ खरीद-बिक्री करने का फैसला किया है. यह 10,000-10,000 करोड़ रुपये के दो चरणों में होगा.’

रिजर्व बैंक ने कहा कि वह 27 अगस्त को 10,000 करोड़ रुपये की चार प्रतिभूतियों की बिक्री करेगा. वह इतनी ही राशि की चार प्रतिभूतियों की खरीद भी करेगा.

दूसरे चरण की नीलामी तीन सितंबर को की जाएगी. इसकी घोषणा अलग से की जाएगी.

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