नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2,000 रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की. लेकिन अभी वे वैध मुद्रा के रूप में बने रहेंगे. आरबीआई ने बैंक को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करें.
आरबीआई ने कहा कि नागरिक 23 मई से 30 सितंबर, 2023 तक किसी भी बैंक शाखा में अपने बैंक खातों में 2000 रुपये के नोट जमा कर सकेंगे या उन्हें अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदल सकेंगे.
आरबीआई का कहना है कि 23 मई, 2023 से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के नोटों में बदलने की सीमा 20,000 रुपये तक की जा सकती है. सभी बैंक 30 सितंबर, 2023 तक 2000 रुपये के नोटों के लिए जमा या विनिमय सुविधा प्रदान करेंगे.
RBI का कहना है कि 23 मई, 2023 से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के नोटों में बदलने की सीमा 20,000 रुपये तक की जा सकती है।
सभी बैंक 30 सितंबर, 2023 तक 2000 रुपये के नोटों के लिए जमा या विनिमय सुविधा प्रदान करेंगे: RBI https://t.co/9qfSIwhPt5 pic.twitter.com/qILPthtwnU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 19, 2023
2000 रुपये का नोट 30 सितंबर के बाद भी लीगल टेंडर रहेगा. आरबीआई को उम्मीद है कि लोगों के लिए बैंकों के साथ नोट बदलने के लिए 4 महीने का समय पर्याप्त है. चलन में चल रहे 2000 रुपये के अधिकांश नोट 30 सितंबर की निर्धारित समय सीमा के भीतर बैंकों में वापस आ जाएंगे. यह आरबीआई की नियमित कवायद है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.
नोटबंदी के बाद आरबीआई ने नवंबर 2016 में 2000 के नोट को जारी किया था. उस समय प्रचलन में सभी 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों की कानूनी निविदा स्थिति को वापस लेने के बाद अर्थव्यवस्था की मुद्रा की आवश्यकता को तेजी से पूरा करने के लिए ये फैसला लिया गया था.
आरबीआई ने कहा कि 2000 रुपये के बैंक नोटों को लाने के उद्देश्य के एक बार पूरा हो जाने के बाद 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी.
मार्च 2017 से पहले 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में से लगभग 89 प्रतिशत जारी किए गए थे.
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