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सोमवार, 5 मई, 2025
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पहले संवैधानिक संशोधन से आरक्षण की सुरक्षा हुई: कांग्रेस

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नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वर्ष 1951 में हुए पहले संवैधानिक संशोधन से आरक्षण की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अनुच्छेद 15(4) को भारत के संविधान में संविधान (प्रथम संशोधन) अधिनियम, 1951 के माध्यम से शामिल किए जाने से जुड़े संक्षिप्त इतिहास का उल्लेख करते हुए यह टिप्पणी की।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अनुच्छेद 15(4) को भारत के संविधान में संविधान (प्रथम संशोधन) अधिनियम, 1951 के माध्यम से शामिल किया गया था, और यह 18 जून 1951 से प्रभावी हुआ। यह अनुच्छेद राज्य को संवैधानिक शक्ति देता है कि वह “किसी भी सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के नागरिकों या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान कर सके।’’

उनके अनुसार, अनुच्छेद 15(4) तब आवश्यक हो गया था जब 9 अप्रैल, 1951 को उच्चतम न्यायालय ने प्रसिद्ध ‘‘मद्रास राज्य बनाम चंपकम दोराईराजन’’ मामले में आरक्षण को रद्द कर दिया था।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रथम संशोधन ने भूमि सुधार कानूनों को न्यायिक समीक्षा से बचाने के लिए नौवीं अनुसूची की व्यवस्था भी पेश की थी तथा यह आवश्यक हो गया था क्योंकि अदालतें जमींदारी उन्मूलन कानूनों को रद्द कर रही थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सारा इतिहास अब भुला दिया गया है। विधेयक पर प्रवर समिति की अध्यक्षता किसी और ने नहीं, बल्कि स्वयं तत्कालीन प्रधानमंत्री जवारलाल नेहरू ने की थी और इसमें सी. राजगोपालाचारी और डॉ. आंबेडकर शामिल थे। इसमें डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी सदस्य थे लेकिन उन्होंने एक असहमति नोट प्रस्तुत किया था।’’

रमेश का कहना है कि इस संशोधन से आरक्षण की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।

भाषा हक हक अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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