हैदराबाद, 22 फरवरी (भाषा) तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन खंड के अंदर फंसे आठ लोगों को निकालने के लिए शनिवार को बचाव अभियान तेज कर दिया गया और अधिकारियों ने सुरंग में प्रवेश करने वाले दलों का मार्गदर्शन करने के लिए ड्रोन तैनात किए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुरंग में 13 किलोमीटर तक रास्ता साफ है, क्योंकि 14 किलोमीटर अंदर निर्माणाधीन खंड की छत का एक हिस्सा ढहा है। हालांकि, बचाव दल सुरंग की समग्र स्थिति को लेकर आशंकित हैं।
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘घटनास्थल पर ढेर सारा मलबा जमा हो गया है, इसलिए बचाव दल आगे बढ़ने और किसी भी संभावित खतरे का पता लगाने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं। बचाव अभियान रात में भी जारी रहेगा।’’
उन्होंने बताया कि सुरंग में फंसे लोगों को ताजा हवा पहुंचाई जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि बचाव दल सुरंग के भीतर जाने से हिचकिचा रहे हैं, क्योंकि अंदर से अभी भी तेज आवाज आ रही है।
शाम को दुर्घटना स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार पिछले साल उत्तराखंड (सिलक्यारा सुरंग हादसे) के बचाव अभियान में शामिल रहे विशेषज्ञों से सहायता मांग रही है तथा भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) से भी मदद का अनुरोध किया है।
एनडीआरएफ के दल सुरंग स्थल पर पहुंच गए हैं।
इससे पहले, राज्य सरकार के स्वामित्व वाली सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एन बलराम ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उसके विशेषज्ञ भी बचाव अभियान में भाग लेने के वास्ते घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
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