इंफाल, 24 जून (भाषा) मणिपुर के दो संगठनों ने जनजातीय कार्य मंत्रालय से राज्य में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की सूची से ‘एनी कुकी ट्राइब्स’ (कोई भी कुकी जनजाति) श्रेणी को हटाने का आग्रह किया है, क्योंकि यह श्रेणी कथित तौर पर ‘‘विदेशियों को स्थानीय लोगों के अधिकारों का दावा करने’’ का मौका देती है और ‘‘उनकी भूमि व संसाधनों के लिए खतरा पैदा करती है।’’
मंत्रालय को दिए गए ज्ञापन में दोनो संगठनों ‘थाडोउ इनपी मणिपुर’ और ‘मेइती एलायंस’ ने कहा कि यह अपील मणिपुर सरकार की आधिकारिक स्थिति के अनुरूप है, जिसने 19 अक्टूबर 2018 और दो जनवरी 2023 को कैबिनेट के फैसलों के बाद औपचारिक रूप से ‘एनी कुकी ट्राइब्स’ श्रेणी को हटाने की सिफारिश की थी।
दोनों संगठनों ने ज्ञापन में दावा किया, ‘‘‘एनी कुकी ट्राइब्स’ (एकेटी) की अस्पष्ट प्रकृति विदेशियों को मणिपुर में जनजातीय अधिकारों का दावा करने की अनुमति देती है। यह पहले से मौजूद अनुसूचित जनजातियों की भूमि, संसाधनों और संवैधानिक विशेषाधिकारों के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।’’
दोनों संगठनों ने यह भी दावा किया कि ‘एनी कुकी ट्राइब्स’ श्रेणी को 2003 में ‘‘राजनीति से प्रेरित और अपारदर्शी तरीकों’’ से मणिपुर की अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल किया गया था।
भाषा गोला मनीषा
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