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सोमवार, 28 अप्रैल, 2025
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अर्णब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया, जावड़ेकर ने कहा- इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही

अर्णब ने कहा कि मुंबई पुलिस ने उनके साथ बुरा बर्ताव भी किया. रिपब्लिक टीवी के अनुसार चैनल के कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी को रिपोर्टिंग से रोका गया.

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नई दिल्ली: मुंबई पुलिस बुधवार को रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के घर पहुंची और उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की. कुछ देर बाद पुलिस उन्हें वैन में बिठा कर रायगढ़ पुलिस स्टेशन लेकर गई है. रिपब्लिक टीवी ने आरोप लगाया कि पुलिस जबर्दस्ती घर में घुसी.

अर्नब गोस्वामी को 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. मुंबई पुलिस ने 2018 के आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में उन्हें सेक्शन 306 के अंतर्गत हिरासत में लिया. पुलिस ने यह मामला बंद कर दिया था लेकिन अब फिर से इसे खोला गया है.

अर्णब ने कहा कि मुंबई पुलिस ने उनके साथ बुरा बर्ताव भी किया. रिपब्लिक टीवी के अनुसार चैनल के कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी को रिपोर्टिंग से रोका गया. अर्णब की पत्नी साम्यब्रता रे गोस्वामी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घर में घुसकर बुरा बर्ताव किया और घसीटा.

चैनल इस घटना को महाराष्ट्र में ‘अघोषित आपातकाल’ बता रहा है. अर्णब ने कहा कि मुंबई पुलिस ने उनकी सास और ससुर, बेटे और पत्नी से बुरा व्यवहार किया.

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘महाराष्ट्र में नियम का पालन किया गया है. किसी के खिलाफ कोई सबूत हो तो पुलिस कार्यवाही कर सकती है. जब से उद्धव ठाकरे की सरकार बनी है किसी के खिलाफ बदले के तहत कार्यवाही नहीं की गई है.’

‘इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही’

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है. यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है. हम इसकी भर्त्सना करते हैं.’

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘वरिष्ठ पत्रकार अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी निंदनीय और चिंतनीय है. 1975 में इमरजेंसी के साथ ही हमने फ्री प्रेस के लिए भी लड़ाई लड़ी थी.’

उन्होंने कहा, ‘मतभिन्नता हो सकती है, डिबेट किया जा सकता है और सवाल भी पूछे जा सकते हैं. लेकिन अर्णब गोस्वामी जैसे पत्रकार को पुलिस के दम पर गिरफ्तार करना, सिर्फ इसलिए कि वो सवाल पूछते हैं, सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए.’

भाजपा नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, ‘रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के साथ मुंबई पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार और गिरफ्तारी प्रेस की स्वतंत्रता को महाराष्ट्र सरकार द्वारा कुचलना है. राजनीति से प्रेरित मुंबई पुलिस के इस कदम की निंदा करता हूं. ये इमरजेंसी की तरह है.’

स्मृति ईरानी ने कहा, ‘फ्री प्रेस में रहते हुए जो आज अर्णब के समर्थन में नहीं है वो फासिज्म के समर्थन में है. आप उन्हें पसंद नहीं करते लेकिन आप चुप रहते हैं तो आप सप्रेशन को सपोर्ट करते हैं. अगर आपके साथ ऐसा होगा तो कौन बोलेगा?’

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘ये लोकतंत्र के लिए, मीडिया के लिए भयानक दिन. सवाल पूछने की सजा, सच दिखाने की सजा? अपनी मेहनत से इतना बड़ा नेटवर्क खड़ा करने की सजा? सारा देश आज अर्णब के साथ है.’

(एएनआई के इनपुट के साथ)


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