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Sunday, 22 December, 2024
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गायिका संध्या मुखर्जी और बंगाल के पूर्व CM बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पद्म पुरस्कार लेने से किया इनकार

बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा कि मैं पद्म भूषण पुरस्कार दिए जाने के बारे में कुछ नहीं जानता था. किसी ने मुझे इसके बारे में  नहीं बताया.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया. ऐलान के बाद बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य और दिग्गज गायिका संध्या मुखर्जी की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली थी.

जब केंद्र सरकार के अधिकारियों ने उनकी सहमति के लिए कॉल किया तब दोनों ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा कि मैं पद्म भूषण पुरस्कार दिए जाने के बारे में कुछ नहीं जानता था. किसी ने मुझे इसके बारे में नहीं बताया. अगर उन्होंने मुझे पद्म भूषण पुरस्कार दिया है तो मैं इसे अस्वीकार कर रहा हूं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी को पद्म भूषण दिए जाने के बारे में जानकारी दी गई थी और उन्होंने इसके लिए गृह मंत्रालय का आभार भी जताया था.

अधिकारियों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी ने फोन उठाया क्योंकि माकपा नेता अस्वस्थ हैं. भट्टाचार्य के परिवार से किसी ने भी पद्म पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार नहीं किया था.

उन्होंने कहा कि चूंकि भट्टाचार्य के परिवार से किसी ने भी दिन भर गृह मंत्रालय से संपर्क नहीं किया, इसलिए देर शाम उनके नाम की घोषणा पद्म पुरस्कार विजेताओं में से एक के रूप में की गई.

संध्या मुखर्जी

दिग्गज गायिका संध्या मुखर्जी उर्फ संध्या ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया, लेकिन उन्होंने यह सम्मान लेने से मना कर दिया.

गायिका की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने अनुसार संध्या मुखर्जी ने दिल्ली से फोन करने वाले वरिष्ठ अधिकारी से कहा है कि वह गणतंत्र दिवस सम्मान सूची में पद्म श्री से सम्मानित होने के लिए तैयार नहीं हैं.

सौमी सेनगुप्ता ने कहा, ’90 साल की उम्र में, लगभग आठ दशकों से ज्यादा के सिंगिंग करियर के बाद उन्हें पद्म श्री के लिए चुना जाना उनके लिए अपमानजनक है.’ इसके साथ ही सौमी सेनगुप्ता ने यह भी अपील की है कि संध्या मुखर्जी के पद्म श्री पुरस्कार स्वीकार न करने को राजनीतिक रूप न दें.

गायिका की बेटी ने कहा, ‘पद्म श्री किसी जूनियर कलाकार के लिए अधिक योग्य है, न कि ‘गीताश्री’ संध्या मुखोपाध्याय के लिए. उनका परिवार और उनके गीतों के सभी प्रेमी भी यही महसूस करते हैं.

वह एस डी बर्मन, अनिल विश्वास, मदन मोहन, रोशन और सलिल चौधरी सहित कई हिंदी फिल्म संगीत निर्देशकों के लिए भी गाना गा चुकी हैं. उन्हें ‘बंग बिभूष’`समेत कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.

गृह मंत्रालय पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा करने से पहले हमेशा संभावितों को पद्म पुरस्कार देने के फैसले के बारे में बताता है. सूत्रों ने कहा कि अगर कोई आपत्ति जताता है तो उनका नाम घोषित नहीं किया जाता है.

बिपिन रावत, कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण,

केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस बार चार हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान देने का ऐलान किया है.पद्म विभूषण पाने वालों में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, भाजपा नेता कल्याण सिंह, गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष रहे राधेश्याम खेमका और शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे का नाम शामिल है.

इसके अलावा कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है.

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