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Thursday, 25 April, 2024
होमदेशकेरल में सेक्स फैंटेसी के लिए दंपतियों की ‘अदला-बदली’ की वारदातों की खबरें, लेकिन एक मामले से हुआ हकीकत का खुलासा

केरल में सेक्स फैंटेसी के लिए दंपतियों की ‘अदला-बदली’ की वारदातों की खबरें, लेकिन एक मामले से हुआ हकीकत का खुलासा

‘अदला-बदली’ में दिलचस्पी रखने वाले जोड़े सेक्स पार्टनरों की तलाश में मैसंजर, टेलीग्राम और ट्विटर को खंगालते हैं, मगर केरल में इसका नया रूप सामने आया.

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केरल के कोट्टायम जिले में एक छोटे कस्बे में हाल में एक पुलिस शिकायत से ऐसे सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ, जिसमें ‘जोड़ों की अदला-बदली’ शामिल थी.

दिलचस्पी रखने वाले भारतीय दंपतियों को सेक्स पार्टनर की तलाश के लिए मैसेंजर, टेलीग्राम और ट्विटर से बाहर ताक-झांक करने की जरूरत नहीं पड़ती. फेसबुक पर मामूली सर्च या ‘कैजुअल एनकाउंटर्स’ सेक्शन के क्लासिफाइड विज्ञापन पर सरसरी नजर दौड़ाने से ही ढेरों नतीजे मिल जाते हैं. इससे पता चलता है कि भारतीय समाज में खुली शादियों और कई-कई संबंधों के साथ यह सब भी चालू है.

लेकिन ग्रुप सेक्स फौरन खतरे का बुलावा दे सकता है. जोड़ों की अदला-बदली में यह भी हो सकता है कि किसी पार्टनर को उसकी इच्छा के खिलाफ दूसरे के साथ सोने को मजबूर किया जाए, जैसा कि केरल के एक मामले में देखा गया और उससे राज्य में सेक्स से जुड़े अपराधों पर नई रोशनी पड़ी.

करुकचल कस्बे में 27 साल की एक युवती ने 9 जनवरी को अपने पति के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई कि उसने उसे ‘पत्नी अदला-बदली’ के मामले में कई दूसरे पुरुषों के साथ सोने पर मजबूर किया. उसने कहा कि कई दंपतियां पारिवारिक मित्र बनकर उसके घर सेक्स के लिए आतीं और उसका पति अकेले पुरुषों के साथ उसके सोने के लिए पैसे लिया करता था. उसके पति और आठ दूसरे मर्दों के खिलाफ गैंगरेप, अप्राकृतिक सेक्स, घूस लेने-देन, डराने-धमकाने जैसे मामलों में एफआइआर दर्ज की गई.

मानवाधिकार वकील संध्या राजू के मुताबिक, केरल में जोड़ों की अदला-बदली कुछ अधिक आधुनिक और घपले-घोटाले वाला लग सकता है, लेकिन करुकचल कस्बे जैसी घटना नई नहीं है, बस यह तो सार्वजनिक हो गई.

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यूट्यूब, धमकियां, बेवफाई-केस डायरी

जो जिंदगी लव-मैरेज के साथ शुरू हुई, वह तब दु:स्वप्न बन गई, जब 32 साल के पति की सेक्स फंतासियां सेक्स उत्पीड़ऩ में बदल गईं. शिकायत करने वाली महिला और उसके पति के बीच 2012 में शादी से पहले पांच साल तक प्यार-मोहब्बत था. वह दुबई में कुछ साल तक इलेक्ट्रिसियन की नौकरी करता था और 2018 में परिवार केरल लौट आया. शिकायत करने वाली गृहिणी ने कहा कि लौटने के फौरन बाद उसका पति ‘पत्नी अदला-बदली’ की बात करने लगा और कम से कम दो साल तक यह करने को मजबूर करता रहा. उसका भाई कहता है कि अगर वह पति के बुलाए लोगों के साथ सेक्स करने से इंकार करती तो वह खुद की और दो बच्चों की जान ले लेने की धमकी देता था.

लेकिन पुलिस में जाने के पहले शिकायतकर्ता यूट्यूब पर पहुंची. उसने वीलॉगर आरजे अल्तवाफ को कॉल किया, जो एक टॉक शो चलाता है जिसमें उसके दर्शक कॉल करके कुछ भी साझा कर सकते हैं. अल्तवाफ ने दिप्रिंट को बताया कि कॉल रिकॉर्डिंग करने के पहले उसे पता था कि उसकी कोई वैवाहिक समस्या है लेकिन समस्या इस हद तक है, यह सुनकर वह हैरान रह गया. अल्तावाफ के साथ उस महिला ने अपनी हालत का खुलकर बयान किया, जिसके वीडियो को अब करीब 1,40,000 लोग देख चुके हैं. उसने उसे बताया कि अनेक लोग जोड़ों की अदला-बदली में शामिल हैं और उसने अपने पति से मर्दों को यह पूछते सुना कि वह अपनी पत्नी को कैसे राजी करता है.

कैमरे का फोकस अल्तवाफ के हैरान चेहरे पर है और फोन पर थरथर्राती आवाज में वह कहती है, ‘मैंने (अपने पति से) कहा, मैं यह सब नहीं चाहती और इसे बंद करो. लेकिन उसने कहा कि वह दूसरों के साथ सोती है तो उसे देखकर बड़ा मजा आता है… मैंने उससे कहा कि तुम्हें कोई दिमागी बीमारी है.’

अल्तवाफ ने जवाब दिया, ‘मेरी प्यारी बहन, मैं कुछ तुमसे कहूं? पुलिस केस दर्ज करो!’ अल्तवाफ ने अगले दिन 7 जनवरी को उसका कॉल यूट्यूब पर अपलोड कर दिया. दो दिन बाद महिला ने अपने भाइयों के साथ करुकचल के स्थानीय पुलिस थाने में जाकर एफआइआर दर्ज करवा दी.

कोट्टायम जिले की पुलिस प्रमुख शिल्पा द्यावैह ने दिप्रिंट से साफ-साफ कहा, ‘यह जोड़ों की अदला-बदली का नहीं, बलात्कार का मामला है.’

अभी तक पुलिस छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और तीन दूसरों की तलाश कर रही है जिसमें एक सऊदी अरब भाग गया है. पुलिस फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर ‘मीट अप केरल’ और ‘कपल मीट केरल’ जैसे नाम से जुड़े 14 ग्रुप का भी ट्रैक कर रही है.

चंगनाशेरी के डीएसपी आर. श्रीकुमार ने कहा, ‘शिकायत करने वाली महिला मानसिक सदमे में है और उसे काउंसलिंग की दरकार है. हमने काउंसलिंग के लिए उसका संपर्क महिला सेल से करवा दिया है और उसके भाइयों से उसका ख्याल रखने को कहा है.’

श्रीकुमार कहते हैं कि सदमे के बावजूद वह ‘अडिय़ल’ है और मामले को नतीजे तक पहुंचाना चाहती है.

जुनूनी सेक्स की चाहत रखने वाले जांच-पड़ताल भी करते हैं

ऐसा नहीं लगता कि इस मामले से केरल के कामुक लोगों को कोई फर्क पड़ा है. क्लासिफाइड विज्ञापन सर्विस लोकांटो पर दिप्रिंट से बात करने वाले एक दंपती ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि उस महिला को मजबूर किया गया, लेकिन यह भी कहा कि इस केस से अदला-बदली करने से वे डर नहीं गए हैं. पहली बार वे स्थानीय विज्ञापन देने की कोशिश कर रहे थे जबकि अमूमन वे मैसेंजर का इस्तेमाल करते थे.

मैसेंजर पर एक कॉल में थॉमस (बदला हुआ नाम) ने दिप्रिंट से कहा कि वह और उसकी पत्नी साल भर से अदला-बदली कर रहे हैं. उन्होंने पहले इसके बारे में एक दोस्त से सुना और फिर ऑनलाइन तलाश किया. कोच्चि की यह दंपती-दोनों तीसेक वर्ष की उम्र में कारोबारी-पार्टनर की तलाश के लिए फेसबुक का इस्तेमाल करता है और जांच-पड़ताल किया करता है. वे पहले दूसरे दंपतियों के साथ सार्वजनिक जगह पर मिलते और समय बिताते हैं, उसके बाद आगे बढ़ते हैं.
उसने कहा, ‘हम यह पैसे या कुछ और के लिए नहीं करते, बस मौज-मजा और चैन के लिए करते हैं. यह हमारी जीवनशैली का हिस्सा है.’

पार्टनर के चुनाव में तबके का भी ख्याल रखा जाता है. थॉमस ने कहा, ‘हम सिर्फ पक्के लोगों से ही मिलते हैं जो हमारे परिवार की हैसियत की बराबरी के हों. हम स्थानीय लोगों से बचते हैं.’ उसने बताया कि वह कोच्चि में ही रहता है या अदला-बदली के लिए दूसरे शहरों में जाता है. उसकी सबसे बड़ी चिंता यह रहती है कि कहीं उसे कोई ब्लैकमेल न करे या पैसे की मांग न करे.

एक और फेसबुक यूजर, जो अकेला है लेकिन जोड़ों की अदला-बदली करने वाले लोगों के साथ सेक्स मुलाकात के लिए खुला है, ने कहा कि केरल के समाज में यह रुझान ‘विदेशी असर’ से आया है. उसके मुताबिक, विदेश में रहने वाले सेक्स संबंधी कई तरह की हरकतों से जुड़ जाते हैं और वे उसे यहां भी ले आते हैं. अपने बारे में वह कहता है कि वह अमूमन पुरुषों के साथ पैसे लेकर सेक्स मैसेज की पेशकश करता है. अंत में सब कुछ ठीक-ठाक रहने वाले मैसेज से जुडऩे के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती, बशर्ते वे ऐसा कुछ करते पकड़े जाएं या बाद में यह साबित किया जा सके कि वे सेक्स कर रहे थे.

उसके दावे के विपरीत केरल में सेक्स की ये अंतरधाराएं दशकों से मौजूद रही हैं. राज्य में पोर्नोग्राफी का उत्पादन और उपभोग दोनों काफी मात्रा में होता है.

भारतध्वनि और स्टंट जैसी पोर्नोग्राफी वाली मलयाली पत्रिकाएं 1980 के दशक में काफी बिका करती थीं और आइ.वी. शशि, शंकरन नायर, और एंटोनी ईस्टमैन जैसे फिल्मकार सेक्स से जुड़े विषयों पर फिल्म बनाने के लिए जाने जाते थे. 1970 और 1980 के दशकों में रासलीला जैसी फिल्में और सिल्क स्मिता (जिनके जीवन से बॉलीवुड फिल्म डर्टी पिक्चर प्रेरित थी) जैसी हीरोइनें मुख्यधारा में आईं. 2001 तक करीब 70 प्रतिशत मलयालम फिल्में सॉफ्ट-पोर्न जैसी थीं और ज्यादातर में सी. शशीकला की भूमिकाएं थीं जो बाद में राजनीति में उतर गईं. राज्य के पाठ्यक्रम में सेक्स शिक्षा 2010 में शामिल की गई, और उसके बाद सेक्स अपराधों और सेक्स को लेकर गलतफहमियों में भारी बढ़ोतरी हुई.

केरल सेक्स घोटालों से भी अनजान नहीं रहा है. कुछ हाइ-प्रोफाइल मामलों में गोपनीय वेश्यावृत्ति स्थानों के लिए आइसक्रीम पार्लर का नाम दिया जाना, और पी.जे. कुरियन जैसे नेताओं पर कथित रूप से एक किशोरी के अपहरण और बलात्कार के मामले शामिल हैं. जनवरी 2022 में एक नामी ऐक्टर ने मलयाली अभिनेता दिलीप के यौन उत्पीड़न पर अपनी चुप्पी तोड़ी और एक बिशप विवादस्पद रूप से एक बलात्कार मामले में बरी हुए.

तिरुवनंतपुरम में सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज की प्रोफेसर और एक्टिविस्ट जे. देविका ने कहा, ‘केरल में आप कुछ भी नहीं कह सकते. सेक्स के मामले में यह बड़ा घालमेल वाला समाज है. हम प्रगतिशील समाज नहीं हैं. हम अभी-अभी शिक्षित हुए हैं.’


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जबरन दंपती अदला-बदली का पहला मामला नहीं

चंगनाशेरी पुलिस का मानना है कि जबरन दंपती अदला-बदली का मामला इसके पहले नहीं सुना गया, लेकिन संध्या राजू कहती हैं कि यह उतना ही आम है जितना आप सोच सकते हैं.

संध्या 2016 में एक 19 साल की ग्राहक का मामला देख चुकी हैं जिसके अनुभव ऐसे ही कुछ थे. उसका पति उसके साथ मारपीट करता था और अक्सर कहा करता था कि वे अपने पैतृक घर को छोडक़र कोच्चि के कक्कनाड़ में चलेंं. वह ‘आने वालों को संतुष्ट करने’ के अलावा कुछ नहीं कर पाती थी. इससे उसकी मां का धीरज टूट गया और उसने उसे अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराने और सुरक्षा हासिल करने को कहा.

वकील ने कहा, ‘ये मामले पति-पत्नी विवाद या घरेलू हिंसा की मद में दर्ज किए जाते हैं. इस पर ऐसे तंगनजरिए से देखा जाता है कि वैवाहिक बलात्कार या यौन उत्पीडऩ का मामला ही खत्म हो जाता है.’

2013 में, नौसेना के एक अधिकारी की पत्नी ने भी कोच्चि के एक थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. उसमें नौसेना में जबरन पत्नी अदला-बदली की वारदातों का जिक्र था. वरिष्ठ नौसेना अधिकारी अपने मातहतों को कथित तौर पर हुक्म दिया करते कि अपनी पत्नी को उनके साथ सुलाओ.

लेकिन करुकुचल केस के सुर्खियों में चढऩे से कुछ बदलाव आ सकता है. वकील संध्या और शिल्पा द्यावैह (कोट्टायम पुलिस प्रमुख) मामले को महिला के खिलाफ हिंसा के रूप में दर्ज करने की अहमियत पर जोर देती हैं. यह महत्वपूर्ण पहलू होगा क्योंकि मामले को पहले विवादास्पद बताया गया था. अल्तवाफ के वीडियो का शीर्षक है ‘पति जिसने अपनी पत्नी को कई लोगों के सामने खोला, एक हैरतनाक दास्तान.’ मीडिया की सुर्खियों में इस मामले को फौरन ‘पत्नी अदला-बदली घोटाला’ बता दिया गया. एक रिपोर्ट तो पूछती है, ‘क्या पति अपनी पत्नियों को साझा करेंगे? क्या यह वाकई केरल में हो सकता है? ’

पुलिस अधिकारी द्यावैह ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर यह गलत मैसेज साझा किया गया कि यह दंपती अदला-बदली का मामला है. हम यहां नैतिक पहलू की भूमिका निभाने के लिए नहीं हैं. दंपती अदला-बदली रजामंदी से होता है, यहां तो शिकायत जबरन कराए जाने की है.’

आज के केरल में सेक्स और आजादी

पुलिस भले इससे बचे मगर समाज की दिलचस्पी तो नैतिक पहलू की भूमिका निभाने में ही ज्यादा है. अपनी सेक्स संबंधी भावनाओं या उत्पीडऩ के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिलाओं को अक्सर काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

प्रोफेसर देविका इस दोहरे मानदंड को इस तरह बताती हैं कि समाज उन महिलाओं में बंटा हुआ है जो अपनी सेक्स इच्छाओं को जाहिर करती हैं और जो नहीं करतीं. नहीं करने वालियों को अमूमन ‘अच्छी लडक़ी’ कहा जाता है और उन्हें इच्छा जाहिर करने वालियों से ज्यादा सहानुभूति मिलती है.

वे एक मलयाली महिला अनुपमा चंद्रन का उदाहरण देती हैं. उसके विवाह से इतर बच्चे को जबरन उसके पिता ने किसी को गोद दिलवा दिया. वह अपने बच्चे से साल भर की परेशानियों के बाद मिल पाई और लोगों के लांछन का शिकार हुई. केरल के मंत्री सजी चेरियन ने कहा, ‘उसके मां-बाप ने वही किया जो कोई भी करता.’ अनुपमा और उसके पार्टनर ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया.

दूसरे उदाहरणों में मलयाली मॉडल तथा एक्टिविस्ट रेशमी नायर की मानहानि का मामला शामिल है, जिसने अपने पति राहुल पशुपालन के साथ नैतिक पहरुओं के खिलाफ 2014 में ‘किस ऑफ लव’ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था. 2017 में ट्रैफिकिंग के एक मामले के आरोप में पति-पत्नी जमानत पर हैं, जो उनके मुताबिक फर्जी आरोप है. दूसरी मलयाली एक्टिविस्ट रेहना फातिमा को इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उन्होंने फेसबुक पर अपने अर्धनग्न शरीर पर अपने बच्चे को पेंटिंग करते एक तस्वीर साझा की और उस पर लिखा, औरतों की सेक्सुआलिटी पर लांछन के खिलाफ.

प्रोफेसर देविका ने कहा, ‘केरल का समाज सेक्स का आनंद लेने वाले लोगों को दंडित करता है. वह पारंपरिक विवाह के ढांचे को तोडऩे वालों को भी दंडित करता है.’

पीडि़तों की मदद

केरल में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और यौन उत्पीडऩ की घटनाएं जारी हैं लेकिन राज्य में यौन हिंसा के पीडि़तों की रक्षा की कोशिशों में सुधार हो रहा है.

यौन हिंसा पीडि़तों की मदद तथा बाल सुरक्षा की मद में ऑनलाइन कार्यरत कोच्चि स्थित एनजीओ बोधिनी के एक वालेंटियर ने कहा, ‘हमने खासकर पीडि़त की रक्षा और उसे बेहतर ढंग से समझने, खासकर उसकी पीड़ा को समझने के बारे में लोगों के नजरिए में फर्क महसूस किया है. यह बड़े पैमाने पर भले न दिखे मगर केरल में नजरिए में बदलाव यकीनन हो रहा है.’ बोधिनी इस मामले में जागरूकता पैदा करने और पीडि़तों को मदद करने का काम करता है.

केरल सरकार ने मित्र जैसी हेल्पलाइन जारी की है जिस पर महिलाएं घरेलू हिंसा की रिपोर्ट कर सकती हैं. वे ‘अपराजिता इज ऑनलाइन’ प्लेटफार्म पर महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम की भी रिपोर्ट कर सकती हैं. पारिवारिक अदालतों में महिलाएं तलाक की अर्जियों में ‘किंकी’ या अप्राकृतिक सेक्स को तलाक की वजहों में शामिल करती हैं. अगस्त 2021 में केरल हाइकोर्ट ने कहा कि वैवाहिक बलात्कार तलाक का कारण है.

केरल महिला आयोग ने करुकचल मामले में पुलिस महानिदेशक के तहत एक अतिरिक्त जांच का आदेश दिया है. आयोग की अध्यक्ष पी. सतीदेवी ने कहा कि ‘केरल में ऐसा रुझान है जिससे सामाजिक व्यवस्था कलंकित होती है.’

राजू ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इस मामले में सही नजरिया अपनाया जाएगा जिसमें हम महिला और उनकी पसंद-नापसंद को देखते हैं.’ राजू ने एर्नाकुलम में संवैधानिक अधिकार रिसर्च और एडवोकेसी केंद्र की भी स्थापना की है. वे कहते हैं, ‘ये पेचदगियां हैं जिन पर कानून का पालन करवाने वाली एजेंसियों को समझना पड़ेगा.’

राजू को उम्मीद है कि इस मामले से भविष्य में सही दिशा में कानूनी प्रक्रिया कायम होगी.

शिकायतकर्ता महिला के कॉल के अंत में अल्तवाफ ने अर्ज किया कि वह मामला दर्ज कराए, अपने स्थानीय विधायक से संपर्क करे और हरसंभव कार्रवाई करे, चाहे अपने लिए नहीं बल्कि ऐसे हालात में पड़ी दूसरी महिलाओं के लिए ही सही.
वह थोड़ी देर ठहरकर बोल उठती है, ‘दूसरी महिलाएं भी हैं. मैंने आपसे कहा कि एक-दो नहीं बल्कि हजारों ऐसे ही हालात में पड़ी हुई हैं.’

वह दोहराती है, ‘हजारों दूसरी.’

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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