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Monday, 20 May, 2024
होमदेशसोशल मीडिया पर 13 से 18 साल के छात्र बिता रहे हैं ज्यादा समय, लड़कियों से ज्यादा लड़के हैं इंटरनेट की लत के शिकार

सोशल मीडिया पर 13 से 18 साल के छात्र बिता रहे हैं ज्यादा समय, लड़कियों से ज्यादा लड़के हैं इंटरनेट की लत के शिकार

एक सर्वे में सामने निकलकर आया है कि किशोर सबसे ज्यादा इस्तेमाल सोशल मीडिया एप्प का करते है. इनमें सबसे ज्यादा फेसबुक, यूट्यूब और टिकटॉक पर अपना समय ​बीता रहे हैं.

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नई दिल्ली: हर समय मोबाइल इंटरनेट पर लगे रहने की आदत सबसे ज्यादा छात्रों में पाई गई है. इसमें सबसे ज्यादा शिकार 9वीं और 11वीं में पढ़ने वाले छात्र हुए हैंं. लेकिन 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले छात्र इससे दूर रहते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह बोर्ड परीक्षाएं निकलकर सामने आई हैंं.

हाल ही में गैर सरकारी संगठन चाइल्ड राइट्स एंड यू के सर्वे में निकलकर सामने आया है कि 13 से 18 आयु वर्ग छात्र सबसे ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं.

ऑनलाइन सेफ्टी एंड इंटरनेट एडिक्शन नाम से जारी रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट की गंभीर लत 1.2 प्रतिशत लड़कों में पाई गई. इस श्रेणी में लड़कियों में शून्य प्रतिशत मिला. औसत लत का शिकार 13.8 प्रतिशत किशोर हैं. इनमें भी अधिक संख्या 15.6 प्रतिशत लड़कों की थी जबकि लड़कियां 10.4 प्रतिशत हैं.

इंटरनेट की लत 48 प्रतिशत किशोरों में पाई गई है. वहीं उम्र बढ़ने के साथ-साथ इनमें उग्रता भी बढ़ती हुई बताई गई है.

सर्वे में यह भी पाया गया है कि उन लड़कों में यह लत तेजी से बढ़ी, जिनके घर में प्राइवेट रूम होता है और खुद का मोबाइल होता है. यह लत और गंभीर होती गई है ​जब उनके घर वाले उनके साथ में नहीं रहते हैं. 40 प्रतिशत किशोर इंटरनेट का इस्तेमाल ​बिना किसी कंट्रोल के कर रहे हैंं. वहीं 44 प्रतिशत लड़कियां इंटरनेट पर समय व्यतीत कर रही हैंं.

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सर्वे में इंटरनेट के प्रयोग के बारे में यह बाते सामने आई है कि किशोरों में से 76 प्रतिशत रोज औसत कम से कम 2 घंटे मोबाइल पर समय बिताते हैंं. वहीं 8 प्रतिशत ने माना कि चार से पांच घंटे से अधिक समय भी इंटरनेट पर दिया है. इनमें 40 प्रतिशत ने अपने पढ़ाई और जरूरी काम के लिए इंटरनेट का उपयोग किया है. वहीं, 38 प्रतिशत ने ​पढ़ाई से हटकर नेट सर्फिंग की है.


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फेसबुक, यूट्यूब और टिकटॉक सबसे ज्यादा करते हैं इस्तेमाल

इस सर्वे में सामने निकलकर आया है कि किशोर सबसे ज्यादा इस्तेमाल सोशल मीडिया एप्प का करते हैं. इनमें सबसे ज्यादा फेसबुक, यूट्यूब, और टिकटॉक पर समय ​बिता रहे हैंं. इनमें 37 प्रतिशत यूट्यूब पर जा रहे हैं. मनोरंजन कंटेंट जैसे फिल्मेंं और शॉर्ट फिल्में देख रहे हैं.

वहीं यह भी सामने आया है कि 5 में से 3 यानी 63 प्रशित उन लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करते हैंं जो उनके जान पहचान वाले हैं. बाकि 37 प्रशित अजन​​बी व्यक्तियों से नहीं जुड़ना चाहते हैंं.

किशोरों की इन लतों को देखते हुए इस रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है ​कि बच्चों का इंटरनेट का इस्तेमाल किसी की निगारानी में हो. लेकिन पुलिसिंग में इसे तब्दील नहीं किया जाना चाहिए. वहीं, किशारों को ऐसे वातावरण में इंटरनेट के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए जहां बड़ी स्क्रीन हो और अकेलापन न हो.

मनोचिकित्सक डॉ.समीर पारिख ने दिप्रिंट से कहा, ‘सोशल मीडिया का कितना उपयोग हो इसको लेकर बच्चों में जागरूकता होना चाहिए. उन्हें पता होना चाहिए कि इसका गलत प्रभाव उनके जीवन पर तो नहीं पड़ रहा. अभिभावक भी समझे कि वे बच्चों को दूसरे रुझानों के प्रति कैसे प्रेरित कर सकते है. अगर बच्चे दूसरे क्रिएटीव कामों में शामिल होंगे तो मोबाइल से दूर होंगे.’

डॉ.पारिख के अनुसार, आज बच्चे एक दूसरे को देखकर सोशल मीडिया से जुड़ रहे है. इसलिए अभिभावक भी ध्यान रखे कि उनके लिए यह कितना जरुरी है.

अब यह देखना अहम होगा कि किशोरों की इस बात की नजर नहीं रखी जाए कि वे कितनी देर इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं, बल्कि इस पर कि वे क्या क्या देखना पसंद कर रहे हैंं.

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