अमरावती, 26 नवंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला ने बुधवार को आरोप लगाया कि कुछ ‘धार्मिक चरमपंथी ताकतें भारतीय संविधान को कमजोर करने’ और देश पर वैकल्पिक ढांचा थोपने का प्रयास कर रही हैं।
संविधान दिवस पर उन्होंने दावा किया कि देश के आधारभूत दस्तावेज को खत्म करने और ‘सामाज में फूट डालकर भड़काने’ के संगठित प्रयास चल रहे हैं।
शर्मिला ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया कि आज, धार्मिक कट्टरता से प्रेरित ताकतें पवित्र संविधान को दबाने और उसे मिटाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वे इसे नष्ट करने और इसके स्थान पर अपना संस्करण थोपने की साजिश रच रही हैं।
एपीसीसी प्रमुख के अनुसार, संविधान महज एक किताब नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक के अधिकारों, सम्मान, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा करने का एक सत्यनिष्ठ प्रण है।
शर्मिला ने आरोप लगाया कि ये समूह ‘इतिहास को मिटाने, धार्मिक कट्टरवाद को भड़काने और लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों को खतरा है।’
उन्होंने कहा कि चाहे अमीर हों या गरीब, संविधान के समक्ष सभी नागरिक समान हैं।
भाषा यासिर माधव
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