जयपुर, 27 मई (भाषा) भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारी को किसी भी लोक सेवक के विरूद्ध पूछताछ, जांच एवं अनुसंधान शुरू करने से पहले निर्धारित प्रपत्र में संबंधित प्रशासनिक विभाग के सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी।
अब एसीबी के अधिकारी इन दिशा-निदेर्शों के अनुरूप ही संबंधित से अनुसंधान एवं जांच आदि की कार्यवाही कर सकेंगे।
हालांकि यह मानक प्रक्रिया ट्रैप के प्रकरणों में लागू नहीं होगी।
राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धारा 17 (ए) के क्रम में जारी मानक प्रक्रिया को राज्य में भी लागू किया है ताकि लोकसेवक निर्भीक होकर अपने आधिकारिक दायित्वों का निर्वहन कर सके।
सरकारी बयान में कहा गया है कि मानक प्रक्रिया के अनुसार लोक सेवकों द्वारा शासकीय कार्यों के दौरान लिए गये निर्णयों के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर एसीबी द्वारा पूछताछ, जांच एवं अनुसंधान के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गये हैं और यह मानक प्रक्रिया ट्रैप के प्रकरणों में लागू नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की अनुपालना में इस मानक प्रक्रिया को मध्यप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, पंजाब सहित अन्य राज्य इसे पहले ही लागू कर चुके है।
भाषा कुंज रंजन
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