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Sunday, 17 November, 2024
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फुटपाथ से अवैध पुलिस बूथ हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार

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नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों और फुटपाथ पर कथित तौर पर मनमाने एवं अवैध तरीके से बनाए गए सभी पुलिस बूथ हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था ।

याचिकाकर्ता जनसेवा वेलफेयर सोसाइटी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस ने नगर निगमों, पीडब्ल्यूडी और डीडीए जैसे स्थानीय प्राधिकरणों से जरूरी मंजूरी लिए बगैर ही सड़कों और फुटपाथ पर अवैध रूप से पुलिस बूथ बनाए हैं।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, ‘अवैध रूप से निर्मित पुलिस बूथ पैदल चलने वाले राहगीरों के लिए खतरनाक हैं। फुटपाथ पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।’

हालांकि, मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने जब यह कहा कि वह ‘याचिका को जुर्माने के साथ खारिज कर रही है’, तब याचिकाकर्ता के वकील ने इसे बिना शर्त वापस ले लिया।

याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि उसने ‘दिल्ली पुलिस के मनमाने और गैरकानूनी कृत्यों’ के खिलाफ और पैदल चलने वाले राहगीरों को भारतीय संविधान के तहत मिले जीवन के अधिकार सहित अन्य मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

याचिका में कहा गया है, ‘भारत में हजारों लोगों (पैदल चलने वालों) ने सड़कों पर चलते हुए अपनी जान गंवाई है। अक्सर पैदल चलने वालों को फुटपाथ पर अवरोध होने के कारण सड़क पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है।’

याचिका में आरोप लगाया गया है, ‘बमुश्किल 10 से 20 फीसदी पुलिस बूथ हैं, जिनमें बिजली और पानी के वैध कनेक्शन हैं। हालांकि, यह देखा गया है कि ज्यादातर पुलिस बूथ में बिजली और पानी के कनेक्शन के अलावा एसी और डिस्प्ले बोर्ड आदि जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यह स्पष्ट रूप से दिल्ली पुलिस के गलत कृत्य की ओर इशारा करता है।’

याचिका में पुलिस बूथ में इस्तेमाल पानी और बिजली के बिल की बकाया राशि का भुगतान नहीं करने का भी आरोप लगाया गया है।

याचिकाकर्ता ने दिल्ली पुलिस द्वारा पुलिस बूथ के अनधिकृत निर्माण और संबंधित प्राधिकरणों को बिजली व पानी के बिलों का भुगतान न करने के मुद्दे पर कानून के तहत आवश्यक कार्रवाई नहीं करने वाले सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की अपील की।

भाषा पारुल अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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