scorecardresearch
गुरूवार, 19 जून, 2025
होमदेशमनुस्मृति मामले में राजद नेता प्रियंका भारती को राहत देने से इनकार

मनुस्मृति मामले में राजद नेता प्रियंका भारती को राहत देने से इनकार

Text Size:

प्रयागराज, सात मार्च (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाचार चैनलों की लाइव परिचर्चा में एक धर्म विशेष के पवित्र ग्रंथ मनुस्मृति के कथित तौर पर कुछ पन्ने फाड़ने के लिए राष्ट्रीय जनता दल की नेता प्रियंका भारती के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति अनीष कुमार गुप्ता की पीठ ने राजद प्रवक्ता प्रियंका भारती द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया।

अदालत ने कहा, “हम पाते हैं कि मनुस्मृति के पन्नों को फाड़ने का कृत्य कुछ और नहीं, बल्कि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता द्वारा दुर्भावना से और जानबूझकर किया गया कृत्य है और यह बिना किसी वैध कारण के किया गया है।”

अदालत ने आगे कहा, “हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि याचिकाकर्ता एक उच्च योग्य व्यक्ति है और टीवी चैनल की परिचर्चा में एक राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता के तौर पर हिस्सा ले रही थी। इसलिए यह दलील नहीं दी जा सकती कि यह कृत्य नादानी में हो गया। इसलिए हमारे विचार से यह प्रथम दृष्टया एक संज्ञेय अपराध बनता है।”

अदालत ने 28 फरवरी को दिए अपने आदेश में कहा, “उच्चतम न्यायालय द्वारा विभिन्न मामलों में दिए गए निर्णयों को देखते हुए प्राथमिकी में कोई हस्तक्षेप का मामला नहीं बनता और इस प्रकार से यह रिट याचिका खारिज की जाती है।”

इस मामले में प्रियंका भारती के खिलाफ 29 दिसंबर, 2024 को अलीगढ़ के थाना रोरावर में बीएनएस की धारा 299 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी और मौजूदा याचिका इस प्राथमिकी को रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग के साथ दायर की गई थी।

भाषा राजेंद्र रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments