देहरादून, 16 अप्रैल (भाषा) उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं के कारण क्षतिग्रस्त सार्वजनिक संपत्तियों के पुनर्निर्माण में तेजी लाने के लिए मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों की वित्तीय शक्तियां बढ़ा दी गई हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार रात हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में उनकी वित्तीय शक्तियां बढ़ाने का फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगौली ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
फैसले के मुताबिक अब मंडलायुक्त एक से पांच करोड़ रुपये और जिलाधिकारी एक करोड़ रुपये तक के कार्यों को मंजूरी दे सकेंगे।
इससे पहले मंडलायुक्त 20-50 लाख रुपये और जिलाधिकारी 20 लाख रुपये तक की पुनर्निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दे सकते थे।
बगौली ने कहा कि राज्य में प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए ऐसा किया गया है।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य की पहली ‘मोटा अनाज नीति’ के अलावा कीवी नीति और ‘ड्रैगन फ्रूट’ योजना को भी मंजूरी दी है।
किसानों को मोटा अनाज उगाने के लिए 1,500 से 4,000 रुपये प्रति हेक्टेयर नकद प्रोत्साहन दिया जाएगा। कीवी नीति का उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की आय दोगुनी करना है।
बगौली ने बताया कि ‘ड्रैगन फ्रूट’ उगाने वाले किसानों को सब्सिडी दी जाएगी। मंत्रिमंडल ने पंतनगर में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 11 हेक्टेयर कृषि भूमि देने का भी फैसला किया।
इसमें प्रत्येक जिले में एक गांव को संस्कृत ग्राम घोषित करने का भी फैसला किया गया। ऐसे प्रत्येक गांव में संस्कृत विषय का एक प्रशिक्षक होगा जो निवासियों को भाषा सिखाएगा और उन्हें इसमें एक-दूसरे के साथ संवाद करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
प्रत्येक संस्कृत ग्राम के लिए संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति 20,000 रुपये मासिक मानदेय पर तीन साल की अवधि के लिए की जाएगी।
भाषा संतोष सुरेश
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