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कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बागची को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश

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नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने की बृहस्पतिवार को सिफारिश की।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना के नेतृत्व वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने कहा कि 18 जुलाई 2013 को न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर के सेवानिवृत्त होने के बाद से कलकत्ता उच्च न्यायालय का कोई भी न्यायाधीश भारत का प्रधान न्यायाधीश नहीं बना है।

कॉलेजियम ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि वर्तमान में कलकत्ता उच्च न्यायालय का उच्चतम न्यायालय में केवल एक ही प्रतिनिधित्व है।

यदि केंद्र द्वारा कॉलेजियम की यह सिफारिश को मंजूर कर ली जाती है, तो न्यायमूर्ति बागची का शीर्ष अदालत में कार्यकाल छह साल से अधिक का होगा, जिस दौरान वह भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में भी काम करेंगे।

कॉलेजियम में न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ भी शामिल है। कॉलेजियम ने कहा कि न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संयुक्त अखिल भारतीय वरिष्ठता में 11वें स्थान पर हैं, जिसमें मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हैं।

कॉलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘इसलिए, कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची को भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश करने का संकल्प लिया है।’’

न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन के 25 मई, 2031 को सेवानिवृत्त होने पर, न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची 2 अक्टूबर, 2031 को अपनी सेवानिवृत्ति तक भारत के प्रधान न्यायाधीश का पद संभालेंगे। न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची का जन्म 3 अक्टूबर, 1966 को हुआ था।

यदि सरकार इस सिफारिश को मंजूरी दे देती है तो उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 33 हो जाएगी। शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों के स्वीकृत पद 34 हैं।

भाषा अमित माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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