नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो के कार्यक्रम ‘मन की बात’ में लोगों से एक नागरिक तौर पर पद्म पुरस्कार वालों के जीवन उनकी कहानियों के बारे में जानने की अपील की.
पीएम मोदी 2023 में अपने पहले मन की बात कार्यक्रम में 97वें एडिशन के संबोधन में ये बातें कही.
पीएम ने जिक्र किया के ज्यादातर ये अवार्ड जनजातीय समूहों से आने वाले लोगों को दिए गये हैं. पीएम मोदी ने रेडियो प्रोग्राम मन की बात में कहा कि जनजातीय क्षेत्रों से आने वाले विभिन्न लोगों- पेंटर्स, म्यूजीशियन, किसान, कलाकार को पद्म पुरस्कारों से नवाजा गया है. मैं देश के लोगों से उनकी प्रेरणादायक कहानियों को पढ़ने की अपील करता हूं.
मोदी ने कहा कि जनजातीय जीवन शहरी जीवन से अलग है, यह चुनौतीपूर्ण है. इन सबके बावजूद जनजातीय समाज अपनी परंपराओं को बचाए रखने के लिए तत्पर रहता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई अहम व्यक्तित्वों को जो कि जनजातीय भाषाओं पर काम किया है जैसे कि टोटो, हो, कुई, कुवी और मांडा, को पद्म अवार्ड दिये गए हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व के लोग जो अपनी कल्चर को बचाये हुए हैं उन्हें भी पद्म अवार्ड दिए गए हैं.
गौरतलब है कि पद्म अवार्ड देश के सबसे बड़े सिविलियन पुरस्कार हैं, जिनकी तीन कटेगरी हैं- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री.
ये पुरस्कार हर साल गणतंत्र दिवस पर दिए जाते हैं. ये विभिन्न गतिविधियों जैसे कि सामाजिक कार्य, पब्लिक अफेयर्स, साइंस और इंजीनियरिंग, व्यापर और उद्योग, दवा, साहित्य व शिक्षा, खेलों और सिविल सेवाओं के लिए दिए जाते हैं.
मोदो ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हम भारतीयों को इस बात का गर्व भी है कि हमारा देश ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ भी है. लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी संस्कृति में है. सदियों से यह हमारे काम का अभिन्न हिस्सा रहा है. स्वभाव से हम एक ‘डेमोक्रेटिक सोसाइटी’ हैं.
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