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Tuesday, 12 August, 2025
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मथुरा में दशहरे पर ‘रावण आरती’ का आयोजन

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मथुरा (उप्र), 24 अक्टूबर (भाषा) मथुरा में सारस्वत वंश के लोगों ने मंगलवार को दशहरे के अवसर पर इस बार भी रावण दहन का विरोध करते हुए दशानन की आरती का आयोजन किया।

लंकेश भक्त मण्डल के अध्यक्ष ओमवीर सारस्वत ने बताया कि दशहरे के मौके पर इस बार भी भगवान शिव के परम भक्त और भगवान श्रीराम के आचार्य त्रिकालदर्शी प्रकाण्ड विद्वान ‘महाराज रावण’ के पुतले के दहन का विरोध करते हुए यमुना पार पुल के नीचे स्थित रावण के मंदिर के समक्ष उसकी महाआरती की गई। फिर ‘लंकेश के स्वरूप’ द्वारा भगवान शिव की विशेष आराधना की गई।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने आचार्य स्वरूप में रावण द्वारा पूजा कराने का निर्णय लिया था। इसके लिए जामवंत को लंका में रावण के पास निमंत्रण भेजा गया था। रावण माता सीता को साथ लेकर समुद्र तट पर आया था, जहां भगवान राम ने माता सीता के साथ शिवलिंग की स्थापना कर विशेष पूजा कराई थी और लंकेश को अपना आचार्य बनाया था। लंकेश द्वारा कराई गई पूजा वाली जगह को रामेश्वरम नाम से जाना जाता है।

सारस्वत ने कहा कि रावण का पुतला दहन करना एक कुप्रथा है क्योंकि, सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति में एक व्यक्ति का एक बार ही अंतिम संस्कार किया जाता है, बार-बार नहीं।

इस मौके पर लंकेश भक्त मण्डल के अनेक पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद रहे।

भाषा सं सलीम

मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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