(तस्वीर के साथ)
रामबन, 26 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि यहां जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर उनके दौरे का उद्देश्य यह संदेश देना है कि उनकी सरकार पहलगाम आतंकवादी हमले पर ध्यान केंद्रित करने के बावजूद प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों को नहीं भूली है।
अब्दुल्ला ने यहां आवश्यक सेवाओं की बहाली समेत स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बैठक के बाद 20 अप्रैल को आपदा में अपनी जमीन और मकान खोने वाले लोगों के लिए सुरक्षित स्थानों पर पांच मरला भूमि देने की घोषणा की।
रामबन में हाल में बादल फटने से अचानक बाढ़ और भूस्खलन के कारण काफी नुकसान हुआ था। इस आपदा में तीन लोगों की मौत हो गई और 600 से अधिक मकान तथा व्यावसायिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
इसके अलावा रामबन कस्बे के निकट मारूग से सेरी तक चार किलोमीटर लंबे मार्ग पर 250 किलोमीटर लंबे रणनीतिक जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद फंसे हुए यात्रियों को निकालने के लिए 23 अप्रैल को राजमार्ग को आंशिक रूप से यातायात के लिए बहाल कर दिया गया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज हम यहां कोई बड़ा फैसला लेने नहीं आए हैं। मेरा मकसद लोगों को यह संदेश देना था कि हम उनकी स्थिति से वाकिफ हैं। हम नहीं चाहते कि वे यह सोचें कि हमारा सारा ध्यान पहलगाम पर है और हम रामबन को भूल गए हैं।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद जैसे ही स्थिति सामान्य हुई, उन्होंने रामबन आने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं रामबन आया और जिला प्रशासन के लोगों से मिला और स्थिति का जायजा लिया। राजमार्ग को एक तरफ से यातायात के लिए (23 अप्रैल को) खोल दिया गया। चूंकि हम राजमार्ग पर थोड़ा तेजी से काम करना चाहते हैं, इसलिए कल शायद हम राजमार्ग को एक दिन के लिए फिर से बंद कर दें ताकि बंद सुरंगों में से एक को भी खोला जा सके।’’
इसके अलावा उन्होंने कहा कि जीर्णोद्धार कार्य के लिए जो धनराशि जारी की जानी चाहिए थी, वह जम्मू से जारी कर दी गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे प्रशासन और उपायुक्त (रामबन बशीर-उल-हक चौधरी) ने बताया है कि कई लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मैंने उपायुक्त से कहा है कि वे ऐसे परिवारों के पुनर्वास के लिए वैकल्पिक भूमि की तलाश करें, जिन्होंने अपनी जमीन और मकान खो दिए हैं ताकि उन्हें पांच मरला जमीन उपलब्ध कराई जा सके।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि चूंकि वाणिज्यिक भवनों के नुकसान की भरपाई एसडीआरएफ मानदंडों के तहत नहीं की जाती है, इसलिए उपायुक्त को उन्हें पर्याप्त राहत प्रदान करने के लिए एक अलग प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया।
बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित धरम कुंड गांव का दौरा किया, जहां दो नाबालिग भाई-बहनों समेत तीन लोगों की मौत हो गई और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये थे।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री राजमार्ग के बारे में जानकारी लेने के लिए श्रीनगर से रामबन शहर गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सड़कों को खोलने, कीचड़ साफ करने और पानी तथा बिजली की आपूर्ति बहाल करने समेत विभिन्न कार्यों का आकलन करने के लिए रामबन शहर पहुंचे।
प्रभावित लोगों के राहत एवं पुनर्वास कार्यों की व्यक्तिगत निगरानी के लिए अब्दुल्ला का रामबन का यह तीसरा दौरा था।
मुख्यमंत्री ने 21 अप्रैल को सबसे अधिक प्रभावित मरूग-केला मोड़ खंड का दौरा किया और इसके एक दिन बाद जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए रामबन शहर का दौरा किया था। उन्होंने प्रभावित लोगों के समुचित पुनर्वास का आश्वासन दिया था।
भाषा
देवेंद्र धीरज
धीरज
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