लखनऊ : अयोध्या में बनने जा रहे राम मंदिर के अब रोप-वे के जरिए भी दर्शन होंगे. इसके लिए सीधे एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन से सीधे मंदिर तक टूरिस्ट पहुंच सकेंगे. दरअसल बाहर से आने वाले पर्यटकों की सहूलियत के लिए रोप-वे शुरू किया जाएगा जिससे वह कम समय में राम मंदिर के दर्शन कर सकेंगे. इसको लेकर यूपी टूरिज्म की स्विस कंपनी डोपलमेर से बात चल रही है. स्विस फर्म डोपलमेर ने प्रदेश के पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी के सामने इसका प्रेजेंटेशन दे दिया है
1200 करोड़ रुपए की इस रोप-वे प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी यूपी टूरिज्म विभाग को दी गई है जो कि डोपलमेर की मदद से इसे तैयार करेगा.अयोध्या के म्यूनिसिपल कमिशनर व अयोध्या डेवलेप्मेंट अथॉरिटी के वाइस चेयरमैन विशाल सिंह के मुताबिक,अयोध्या में कई जगह सड़क पतली है यानि ग्राउंड स्पेस कम है. ऐसे में जल्दी मंदिर पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक रास्ता रोप-वे का होगा. इसे रोप-बस भी कहा जहा सकता है. जो आमतौर पर रोप-वे होते हैं ये उससे ज्यादा चौड़ा होगा और लोगों के बैठने के छमता ज्यादा होगी. लगभग 25-30 लोग एक साथ बैठ सकेंगे.
चौड़े सिटिंग बॉक्स वाला एलिवेटेड रोप-वे होगा
दिप्रिंट से बातचीत में विशाल सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट, रेलवे-स्टेशन व बस स्टेशन से राम जन्मभूमि का एरियल डिस्टैंस बहुत अधिक नहीं है. सड़क पतली होने के कारण गाड़ियां आसानी से नहीं जा पातीं लेकिन रोप-वे से अब जल्दी पहुंचा जा सकेगा.ये रोप-वे एलिवेटेड रोप-वे होगा जिसमें काफी चौड़े सिटिंग बॉक्स होंगे. एक बार में 25 से 30 लोग इसके जरिए मंदिर के दर्शन के लिए जा सकेंगे. सड़का मार्ग तो मुख्य मार्ग रहेगा ही ही लेकिन रोप-वे एक वैकल्पिक व्यवस्था उनके लिए है जो सीधे एयरोपोर्ट, रेलवे स्टेशन या बस स्टेशन से जाना जाएंगे. अधिकतम 10 से 15 मिनट में ये दूरी पूरी जाएगी.
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इस प्रोजेक्ट से सलाहकार के तौर पर जुड़े रोपवे-एक्सपर्ट अमित बंसल के मुताबिक, ‘अयोध्या के लिए 13 से 15 किमी. के रोप-वे का प्रपोजल दिया गया है. बहुत से लोगों को ये कन्फ्यूजन रहता है कि रोप-वे का इस्तेमाल हिल एरिया में होता है लेकिन ऐसा नहीं है. कई यूरोपियन देशों में ये पतली सड़क वाले शहरों के बीचो-बीच भी इस्तेमाल होता है. मेट्रो काफी कॉस्टली प्रोजेक्ट माना जाता है ऐसे में रोप-वे लगाना उसके मुकाबले में सस्ता है. 8 से 35 लोगों की क्षमता के अलग-अलग तरह के केबिन साइज रहते हैं. जितना बड़ा केबिन साइज होगा उतना ज्यादा प्रोजेक्ट का कॉस्ट पड़ेगा. अयोध्या में अब प्रस्तावित एयरपोर्ट से राम मंदिर की दूसरी 10 से 15 मिनट में पूरी की जा सकेगी.’
यूपी पर्यटन से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस प्रोजेक्ट को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. स्विटजरलैंड की कंफनी डोपलमेर रोप-वे व लिफ्ट बनाने के लिए मशहूर है. इसका प्रेजेंटेशन देखने के बाद ही इस फर्म को काम दिया गया है. जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा. पर्यटन के एक अधिकारी के मुताबिक, कई यूरोपीय देशों में इस तरह के बड़े रोप-वे हैं जहां एक बार में 25 से 30 लोग ट्रैवल कर सकते हैं. इसी तरह का प्रोजेक्ट अयोध्या में भी देखने को मिलेगा.
ये रास्ते होंगे कवर
अयोध्या में नया एयरपोर्ट जो कि मंदिर परिसर से लगभग 8 किमी दूर तैयार हो रहा है. इसका नाम श्री राम एयरपोर्ट होगा जो कि 600 एकड़ की भूमि में तैयार हो रहा है. वहीं एक नया बस टर्मिनल भी तैयार हो रहा है.इसके अलावा जो रेलवे स्टेशन अयोध्या में है वहां से भी मंदिर के लिए रोप-वे की व्यवस्था की जाएगी.
अयोध्या में विकास कार्य देख रहे अधिकारियों से सूत्रों के मुताबिक, सरकार दिसंबर 2021 तक हवाई अड्डे की परियोजना को पूरा करना चाहती है. ऐसे में रोप-वे प्रोजेक्ट का काम नए साल से शुरू होने की पूरी उम्मीद है.जल्द ही स्विस कंपनी के रेप्रेजेंटेटिव अयोध्या में सर्वे करने आएंगे. इस दौरान उन्हें राम मंदिर, प्रस्तावित बस अड्डा, एयरोपोर्ट व रेलवे स्टेशन ले जाया जाएगा.