scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होमदेशअजय कुमार टेनी पर नहीं कराई जा रही बहस, हमारी अपील सुने बिना राज्यसभा की कार्यवाही टाली: खड़गे

अजय कुमार टेनी पर नहीं कराई जा रही बहस, हमारी अपील सुने बिना राज्यसभा की कार्यवाही टाली: खड़गे

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, 'हम चाहते थे कि अजय कुमार टेनी को लेकर सदन में नियम 267 के तहत चर्चा हो लेकिन राज्यसभा के सभापति ने हमारी अपील सुने बिना सदन को स्थगित कर दिया.

Text Size:

नई दिल्ली: राज्यसभा और लोकसभा में बृहस्पतिवार को भी सदन की कार्यवाही बाधित रही. विपक्ष लगातार यूपी के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार टेनी के इस्तीफे और 12 सदस्यों के निलंबन की मांग को लेकर अड़ा हुआ है. लिहाजा हंगामे के कारण आज भी दो सदनों की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, ‘हम चाहते थे कि अजय कुमार टेनी को लेकर सदन में नियम 267 के तहत चर्चा हो लेकिन राज्यसभा के सभापति ने हमारी अपील सुने बिना सदन को स्थगित कर दिया. नियम 267 के तहत कुछ सुनने के बाद फैसला लिया जाता है कि सदन में बहस हो सकती या नहीं.

कल मीडिया वालों के साथ अजय कुमार टेनी की बदतमीजी को लेकर खड़गे ने कहा, ‘अजय कुमार टेनी को जवाब नहीं देना था तो वह चुप रह सकते थे लेकिन एक मंत्री का किसी को डराना-धमकाना शोभा नहीं देता. SIT की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें खुद इस्तीफा देना चहिए था उसके लिए हमारा प्रदर्शन करना, मामले को सदन में उठाना ऐसा नहीं होना चाहिए था.

वहीं निलंबित राज्यसभा सांसद संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनके निलंबन की वापसी को लेकर भी विपक्ष सदस्य लगातार मांग कर रहे हैं.

राज्यसभा में 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से बृहस्पतिवार को बैठक शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. उन्होंने सूचित किया कि कुछ सदस्यों की ओर से उन्हें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नियत कामकाज स्थगित करने के अनुरोध वाले नोटिस मिले हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है.

इसके बाद उन्होंने शून्यकाल शुरू करने को कहा. इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने 12 सदस्यों का निलंबन रद्द किए जाने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष के कुछ सदस्यों ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ को बर्खास्त करने की मांग भी उठाई.

सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बज कर दस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहादत देने वालों को किया याद

इससे पहले सभापति ने विजय दिवस के 50 साल पूरे होने पर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहादत देने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों के पराक्रम और बलिदान को याद किया और कहा कि उन्होंने दमनकारी ताकतों का पूरे साहस के साथ मुकाबला किया जिसके बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया.

नायडू ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच बहुत ही अच्छे संबंध हैं और वह इन रिश्तों के उत्तरोत्तर बढ़ने की कामना करते हैं.

गौरतलब है कि 1971 में आज ही के दिन पूर्वी पाकिस्तान के चीफ मार्शल लॉ एडमिनिस्ट्रेटर लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी और पूर्वी पाकिस्तान में स्थित पाकिस्तानी सैन्य बलों के कमांडर ने बांग्लादेश के गठन के लिए ‘इंन्स्ट्रूमेंट ऑफ सरेंडर’ पर हस्ताक्षर किए थे.

नियाजी ने ढाका में भारतीय और बांग्लादेश बलों का प्रतिनिधित्व कर रहे जगजीत सिंह अरोड़ा की उपस्थिति में ये हस्ताक्षर किए थे. 1971 में नौ महीने तक चले युद्ध के बाद पाकिस्तानी फौजों ने भारतीय बलों के समक्ष समर्पण कर दिया और बांग्लादेश अस्तित्व में आया था.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

share & View comments