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Friday, 1 November, 2024
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राज्य सभा में आज जो हुआ वह बहुत दुखद और शर्मनाक है: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं स्वयं किसान हूं. मैं दो टूक शब्दों में किसानों को स्पष्ट बताना चाहता हूं कि एमएसपी और एपीएमसी की व्यवस्था हर कीमत पर आगे भी जारी रहेगी.'

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नई दिल्ली: राज्य सभा में किसान विधेयक को लेकर रविवार को हुए हंगामे के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य सभा में जो भी हुआ, वह बहुत दुखद और शर्मनाक है.

उन्होंने कहा, ‘हर किसी ने आसन के साथ हुई बदसलूकी को देखा है, सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ डाली, आसन के पास चले गए. मैंने संसद में इस तरह का गलत आचरण कभी नहीं देखा.’

रक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश मूल्यों को लेकर प्रतिबद्ध हैं. राजनाथ ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र में इस तरह के आचरण की उम्मीद नहीं की जाती.

विपक्ष से सवाल पूछते हुए सिंह ने कहा कि अगर विपक्ष सहमत नहीं भी था तो क्या यह उन्हें हिंसक होने, आसन पर हमला करने की अनुमति दी जा सकती है.

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मैं स्वयं किसान हूं. मैं दो टूक शब्दों में किसानों को स्पष्ट बताना चाहता हूं कि एमएसपी और एपीएमसी की व्यवस्था हर कीमत पर आगे भी जारी रहेगी. इससे पहले भी हमारी सरकार ने बराबर एमएसपी बढ़ाया है.’

शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत के सरकार से इस्तीफा देने पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘लोग जो भी कदम उठाते हैं उसके पीछे कुछ राजनीतिक कारण होते हैं.’

प्रेस कांफ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, थावरचंद गहलोत और प्रह्लाद जोशी मौजूद थे.

आहत करने वाली घटना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि संसदीय परंपराओं में विश्वास रखने वाला कोई भी व्यक्ति आज इस प्रकार की घटना से आहत हुआ होगा.

रक्षा मंत्री ने कहा कि संसद की कार्यवाही चलाने के लिए जहां तक सत्ता पक्ष की आवश्यकता होती है वहीं पर विपक्ष का भी सहयोग अपेक्षित है.

उन्होंने कहा कि किसानों में गलतफहमी पैदा करके केवल निहित राजनीतिक स्वार्थ को साधने की जो कोशिश की जा रही है, वो स्वस्थ्य लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुकूल नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में मर्यादाओं का बड़ा ही अहम स्थान है. जब संसदीय मर्यादाये टूटती है तो लोकतंत्र की परम्पराएं भी शर्मसार और तार तार होती है. कुछ विपक्षी सांसदों द्वारा उपसभापति के साथ जिस तरह का आचरण किया गया है, मै उसकी भर्त्सना करता हूं.’

राजनाथ ने कहा, ‘आज तक भारत के संसदीय इतिहास में कभी नहीं हुआ था कि आसन के सामने सदन की नियम पुस्तिका को फाड़ा गया हो, माइक को तोड़ा गया हो, आसन की मेज पर चढ़कर अशोभनीय हरकतें की गई हों. जो आज राज्यसभा में अशोभनीय व्यवहार हुआ है उसमे निश्चित रूप से संसदीय गरिमा का नुकसान हुआ है.’


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प्रधानमंत्री मोदी भी किसानों को दिला चुके हैं भरोसा

संसद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी है.

राज्य सभा से किसान विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर किसानों को भरोसा दिलाया है कि एपीएमसी और एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह बनी रहेगी.

मोदी ने कहा, ‘मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं: MSP की व्यवस्था जारी रहेगी. सरकारी खरीद जारी रहेगी. हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं. हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे.’

विपक्षी दल नए विधेयक का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने सदन में ध्वनिमत से पारित कराए गए बिल पर सवाल उठाए हैं.

इन विधेयकों पर कई विपक्षी दलों का तर्क है कि यह विधेयक एमएसपी प्रणाली द्वारा किसानों को प्रदान किए गए सुरक्षा कवच को कमजोर कर देंगे और बड़ी कंपनियों द्वारा किसानों के शोषण की स्थिति को जन्म देंगे.

चर्चा के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल जैसे दलों ने विधेयक को संसद की प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)


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