नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस ने असम में अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने संबंधी नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता बरकरार रखे जाने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने उस असम समझौते का समर्थन करने वाला फैसला सुनाया है जिससे पूर्वोत्तर के इस प्रदेश में शांति स्थापित हुई थी।
लोकसभा में पार्टी के उप-नेता गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मतभेदों के बावजूद छात्र नेताओं से बात की थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी प्रदर्शनकारियों को ‘‘देशद्रोही और खालिस्तानी’’ कहती है।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चार अनुपात एक के बहुमत से फैसला सुनाते हुए असम में अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने संबंधी नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि असम समझौता अवैध प्रवास की समस्या का राजनीतिक समाधान है।
गोगोई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैं असम समझौते का समर्थन करने वाले माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करता हूं। असम समझौता एक ऐतिहासिक समझौता था जिससे वर्षों के राजनीतिक आंदोलन के बाद राज्य में शांति आयी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उस दौरान भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी राजनीतिक मतभेदों के बावजूद छात्र नेताओं से बातचीत करते थे। आज परिदृश्य अलग है। भाजपा प्रदर्शनकारियों को देशद्रोही और खालिस्तानी कहती है या फिर मणिपुर की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसा दिखावा करते हैं जैसे राज्य का अस्तित्व ही नहीं है।’’
भाषा हक हक अविनाश
अविनाश
अविनाश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.