जयपुर, 21 जुलाई (भाषा) राजस्थान में शहरी और ग्रामीण इलाकों में साल में 125 दिन रोजगार तथा बुजुर्गों एवं दिव्यांगों को हर महीने न्यूनतम एक हजार रूपए की पेंशन की गारंटी देने वाला विधेयक शुक्रवार को विधानसभा में पारित किया गया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस तरह की पहल करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।
सदन ने राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक-2023 को ध्वनिमत से पारित किया।
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि राज्य के सभी ग्रामीण एवं शहरी परिवारों को एक वर्ष में 125 दिवस का रोजगार और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत वृद्धजन, विशेष योग्यजन, विधवा एवं एकल महिला को प्रतिमाह न्यूनतम एक हजार रुपये पेंशन की गारंटी देने के लिए महात्मा गांधी न्यूनतम आय गारंटी योजना शुरू होगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक-2023 लाया गया है। उन्होंने कहा कि कानून बनाकर इस तरह की सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।
मंत्री ने बताया कि इस अधिनियम के लागू होने पर राज्य के सभी ग्रामीण परिवारों को मनरेगा योजना के अंतर्गत 100 दिवस का रोजगार पूरा करने के बाद 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत प्राप्त हो सकेगा।
मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत शहरी परिवारों को भी 125 दिवस का रोजगार मिलने की गारंटी होगी।
उन्होंने बताया कि राज्य में वृद्धजन, विशेष योग्यजन, विधवा एवं एकल महिला को प्रतिमाह एक हजार रुपये न्यूनतम पेंशन की गारंटी मिलेगी। साथ ही, इसमें 15 प्रतिशत स्वत: बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया है, जो जुलाई में पांच प्रतिशत एवं जनवरी में 10 प्रतिशत की दर से होगी। इस वृद्धि की आधार राशि 1000 रुपये होगी।
धारीवाल ने कहा कि कानून बन जाने के बाद उपरोक्त प्रावधान जनता को अधिकार के रूप में प्राप्त हो जाएंगे और इस बेमिसाल और ऐतिहासिक कानून से आमजन को बेतहाशा बढ़ती महंगाई से राहत भी मिलेगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने इस बारे में एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि राजस्थान, देश में यह पहला राज्य होगा जिसने यह शुरुआत की है।
उन्होंने कहा कि, ‘ राज्य सरकार ने किसी भी क्षेत्र में काम में कोई कमी नहीं रखी और सुशासन देने का प्रयास किया है।’ गहलोत ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में राजस्थान लगातार प्रगति करता जा रहा है।
भाषा पृथ्वी कुंज
रंजन
रंजन
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.