जयपुर, 23 मार्च (भाषा) राजस्थान विधानसभा ने बुधवार को राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति विकास निधि (योजना, आवंटन और वित्तीय संसाधनों का उपयोग) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
विधेयक पर चर्चा के बाद उसके उद्देश्यों एवं कारणों पर संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 46 के अनुसार राज्य अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों (एससी/एसटी) के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की विशेष सावधानी से अभिवृद्धि करेगा तथा सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से उनकी संरक्षा करेगा।
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 46 की भावना को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने विकास के अंतराल को कम करने और राज्य में एससी/एसटी का सर्वागीण विकास सुनिश्चित करने के लिए 24 फरवरी, 2021 को बजट भाषण में एससी/एसटी विकास अधिनियम की घोषणा की थी।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि राजस्थान में एससी/एसटी की जनसंख्या के अनुपात से अधिक बजट आवंटित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 17.83 प्रतिशत के मुकाबले 17.87 फीसदी बजट आवंटित किया गया है, जो जनसंख्या से 0.04 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 13.48 प्रतिशत की तुलना में 14.82 फीसदी बजट आवंटित किया गया है, जो 0.34 प्रतिशत ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार टीएसपी क्षेत्र का 72.85 प्रतिशत और अनुसूचित जाति-जनजाति का 76.63 प्रतिशत बजट ही खर्च कर सकी थी, जबकि वर्तमान सरकार ने 2020-21 में टीएसपी क्षेत्र का 90.70 फीसदी एवं अनुसूचित जाति-जनजाति का 89.74 प्रतिशत बजट व्यय किया है।
सदन ने राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2022 और राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2022 भी ध्वनिमत से पारित किया।
भाषा पृथ्वी अर्पणा
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