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Sunday, 31 August, 2025
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राजस्थान सरकार अवैध धर्मांतरण पर अंकुश लगाने के लिए संशोधित विधेयक में और कठोर उपाय करेगी

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जयपुर, 31 अगस्त (भाषा) राजस्थान सरकार आगामी विधानसभा सत्र में राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025 का एक और अधिक कठोर संस्करण पुनः पेश करेगी।

इस संशोधित विधेयक का उद्देश्य बलपूर्वक, मिथ्या बयान या कपटपूर्ण तरीकों से किए जाने वाले अवैध धर्मांतरण पर अंकुश लगाना है।

राजस्थान विधानसभा सत्र सोमवार से शुरू होगा। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा और विधि एवं विधायी कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने मंत्रिमंडलीय बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान में वर्तमान में अवैध धर्मांतरण से निपटने के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं है।

पिछले सत्र में प्रस्तुत विधेयक के पुराने संस्करण को अब वापस ले लिया जाएगा और उसके स्थान पर कड़े प्रावधानों वाला एक संशोधित मसौदा पेश किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नए मसौदे को मंजूरी दी गई।

पटेल ने कहा कि यह विधेयक किसी भी व्यक्ति या संगठन को छल, बल, अनुचित प्रभाव या कपटपूर्ण तरीकों से धर्मांतरण कराने से रोकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि केवल धर्मांतरण के उद्देश्य से किया गया कोई भी विवाह अमान्य घोषित किया जाएगा। प्रस्तावित कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।

उन्होंने स्पष्ट किया कि विधेयक के तहत अपने पैतृक धर्म में वापसी को धर्मांतरण नहीं माना जाएगा।

प्रस्तावित कानून में अपराधियों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है, जिसमें सामान्य मामलों में सात से चौदह साल तक की कैद और न्यूनतम पांच लाख रुपये का जुर्माना शामिल है।

नाबालिगों, महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों या अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदाय के व्यक्तियों से जुड़े मामलों में सजा 10 से 20 साल तक की होगी और न्यूनतम 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में, विधेयक में 20 साल से लेकर आजीवन कारावास और न्यूनतम 25 लाख रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव है।

धर्मांतरण के उद्देश्य से विदेशी या अनधिकृत धन स्वीकार करने पर 10 से 20 साल तक की कैद और कम से कम 20 लाख रुपये का जुर्माना होगा।

उन्होंने कहा कि जबरदस्ती, धोखाधड़ी या मानव तस्करी से जुड़े विवाह के मामले में 20 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी और कम से कम 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा।

कानून का बार-बार उल्लंघन करने वालों को आजीवन कारावास और कम से कम 50 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। अवैध रूप से धर्मांतरण में शामिल संस्थानों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है और राज्य अनुदान वापस लिया जा सकता है।

अवैध धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल की गई संपत्तियों को जांच के बाद जब्त या ध्वस्त किया जा सकता है।

बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना के कार्यान्वयन के बारे में था, जिसका उद्देश्य मुख्यमंत्री मुफ्त बिजली योजना के तहत पंजीकृत घरेलू उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा के माध्यम से प्रति माह 150 यूनिट बिजली मुफ्त प्रदान करना है।

राज्य सरकार 27 लाख पंजीकृत परिवारों, जिनकी औसत मासिक बिजली खपत 150 यूनिट से अधिक है, के लिए 1.1 किलोवाट क्षमता के ‘रूफटॉप सोलर पैनल’ मुफ्त में लगाने की योजना बना रही है। प्रत्येक सोलर संयंत्र पर केंद्र सरकार की ओर से 33,000 रुपये और राज्य सरकार की ओर से 17,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी, जिससे लाभार्थियों के लिए पैनल पूरी तरह से मुफ्त हो जाएँगे।

इस पहल से लगभग 1.04 करोड़ पंजीकृत घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ होगा जिन्हें प्रति माह 150 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी, जो वर्तमान में 100 यूनिट है।

जिन घरों की छतें उपयुक्त नहीं हैं, वहां सामुदायिक सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे।

बैरवा ने बताया कि यह योजना घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य के शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगी।

उन्होंने बताया कि इन संयंत्रों से राज्य में 3,000 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता उत्पन्न होने की उम्मीद है।

बैरवा ने कहा कि सरकार राजस्थान कॉलेज शिक्षा समिति द्वारा संचालित 374 महाविद्यालयों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों सहित 4,724 संविदा पदों पर भर्ती शुरू करेगी।

मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में एक व्यापक सीवरेज प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से ‘सीवरेज और अपशिष्ट जल नीति, 2016’ में संशोधन को मंजूरी दी।

उन्होंने बताया कि संशोधित नीति स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप सभी घरों को सुनियोजित सीवरेज प्रणालियों से जोड़ने पर केंद्रित होगी।

भाषा कुंज नोमान संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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