जयपुर, 19 जनवरी (भाषा) राजस्थान सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य कृषि उद्योग विकास बोर्ड गठित करने का फैसला किया है।
यह बोर्ड किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस नीति बनाने एवं इसके प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में सुझाव देगा। राज्य मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया।
बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय किए गए। बयान में कहा गया, ‘‘कैबिनेट ने राज्य में कृषि विपणन तंत्र को मजबूत कर किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य कृषि उद्योग विकास बोर्ड के गठन को मंजूरी दी। यह बोर्ड किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस नीति बनाने एवं इसके प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में सुझाव देगा। साथ ही प्रदेश के अधिकाधिक किसानों को कृषि प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन से जोड़ने के लिए रूपरेखा तैयार करेगा।’’
उल्लेखनीय है कि राज्य में कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण, व्यवसाय एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ‘कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात नीति-2019’ लागू की थी।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, इस नीति के पश्चात राज्य में उत्पादित कृषि जिंस जैसे- जीरा, धनिया, लहसुन, ईसबगोल, अनार, खजूर, प्याज आदि के निर्यात को बढ़ावा देने तथा इनकी अंतरराष्ट्रीयी स्तर पर पहचान सुनिश्चित करने की दिशा में इस बोर्ड का गठन राज्य सरकार का एक और बड़ा कदम होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के संग्रहाध्यक्ष (क्यूरेटर) के पद की शैक्षिक योग्यता में संशोधन का निर्णय किया है। इसके अलावा भू-जल विभाग में कनिष्ठ भू-भौतिकविद् के पद 75 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 25 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के स्थान पर 50 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के लिए राजस्थान भू-जल सेवा नियम-1969 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि पदोन्नति के लिए न्यूनतम अनुभव दो वर्ष के स्थान पर पांच वर्ष करने की भी स्वीकृति दी है, जिससे विभाग में पदोन्नति के समान अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
मंत्रिमंडल ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक-2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। कैबिनेट के अनुमोदन के बाद अब यह विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा और विधेयक के पारित होने से इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
भाषा पृथ्वी सिम्मी
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